जहरीली सिन्दा ताडी पीने से 04 की मौत 10 की हालत खराब

उदयगढ़। जनपद क्षैत्र के ग्राम बडी उत्ती में सोमवार को सिन्दे का रस पीने के बाद एक ही घर-परिवार के 14 लोग बिमार हो गए। उदयगढ़ से आलीराजपुर  ले जाते वक्त रात 11.00 बजे कमलीबाई पति नवल बामनिया (42) ग्राम बडी उत्ती की रास्ते में मौत हो गई।

रडू पिता सुमला वसुनिया(45) निवासी छोटी उत्ती सहित ग्राम बडी उत्ती के पिता-पुत्र निहाल पिता जोहरसिंह बामनिया (55) व रमेष पिता निहाल बामनिया(25) की मंगलवार को आलीराजपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई। सीमा पिता रडू वसुनिया (10) की हालत गंभीर है। परिवार के 09 अन्य लोगो की हालत भी खराब है और वह जिला चिकित्सालय आलीराजपुर में उपचाररत् है।।

प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतको सहित ग्राम बडी उत्ती के हिमु पिता जोगडिया बामनिया (35), पंकेष पिता साहेबसिंह बामनिया (06) रविन्द्र पिता भीषन बामनिया (12), नवल पिता अबरु बामनिया (45), डूडी पति लुंगसिंह बामनिया (60) के यहां मेहमान आए ग्राम छोटी उत्ती के मंगीया पिता सुमला (38), भंगडी पति धुलु देहदिया (60),झुमीबाई पति रडू वसुनिया(40), भंगडिया पिता सुमला वसुनिया (38), सीमा पिता रडू वसुनिया (10) ने सोमवार सुबह साथ बैठकर सिन्दे के रस का सेवन किया।

दोपहर बाद इन्हे चक्कर आने लगे। पहले तो इन्हे लगा कि सिंदे का नषा हो गया है लेकिन शाम होते-होते इन लोगो जब उल्टी होने लगी तब शाम 6.00 बजे के बाद इन लोगो को उदयगढ़ सामुदायीक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया। डाॅ सावन अजनार और स्टाप नर्स संध्या भूरिया ने बिना देरी किए इन लोगो का उपचार शुरु किया। चार घंटे के उपचार के बाद भी इन ग्रामीणों की स्थिती असामान्य लगने पर रात 10.00 बजे 11 मरिजों को रेफर कर दीनदयाल, जननी एक्सप्रेस और 108 एम्बुलेंस वाहन से जिला चिकित्सालय आलीराजपुर भेजा गया। सीएमएचओ के निर्देष उपरांत रात 11.00 बजे जोबट से यहां पंहुचे डाॅ सिसोदिया व डाॅ अतुलकर ने बचे हुए 04 मरिजो की हालत देखते हुए उन्हे भी आलीराजपुर भेज दिया।

महिला ने तोडा रास्ते मे दम

उदयगढ़ जननी एक्सप्रेस जीप वाहन से आलीराजपुर ले जाने के दौरान आम्बुआ के समीप कमलीबाई को लगी हुई बोटल खत्म हो गई। आम्बुआ स्वास्थ्य केन्द्र रात को बंद मिला। जिला चिकित्सालय पहुंचने से पहले ही कमलीबाई की रास्ते में मौत हो गई।

सरपंच ने लगाया लापरवाही का आरोप

ग्राम पंचायत उत्ती के सरपंच मोहनसिंह ने मरिजों के ईलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया हे। मोहनसिंह ने कहा कि जब मरिजो की संख्या अधिक थी तो डाॅ. सावन अजनार अकेले  ही उपचार में क्यों लगे रहे, वे यदि समय पर जोबट, बोरी, आलीराजपुर सूचना दे देते तो वहां की टीम स्थिती को उदयगढ़ में ही आकर संभाल लेती। वहीं डाॅ. सावन अजनार ने कहा कि शाम 6.00 बजे के बाद एक के बाद एक मरिज का क्रमषः आना लगा रहा और उन्होने बिना विलंब उचित उपचार कर स्थिती को सभांला अन्यथा मृतको की संख्या और बढ़ सकती थी।

  • सीबीएमओ डाॅ. मोतीसिंह बघेल शनिवार से उदयगढ़ में नहीं है।
  • डाॅ. सावन अजनार अकेले रात 10.00 बजे तक मरिजों के उपचार में लगे रहे, उन्होने अपने किसी भी वरिष्ठ ओर पुलिस को सूचना नहीं दी।
  • जहां भी जगह मिली वहीं लेटा कर शुरु कर दिया ईलाज
  • रात 8.00 बजे के बाद सूचना मिलने पर उप निरीक्षक जिया उल हक स्वास्थ्य केन्द्र पंहुचे और उन्होने दीनदयाल, जननी एक्सप्रेस और 108 एम्बुलेंस वाहन बुलवा कर मरिजों को आलीराजपुर भिजवाया।
  • निजी प्रेक्टीशनर मेहताबसिंह मुजाल्दा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जहरखुरानी के शिकार ग्रामीणों के उपचार में सहयोग किया।
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