भोपाल। व्यापमं घोटाले में सिंघम की तरह काम करने वाली एसटीएफ सुधीर शर्मा के मामले में अचानक किसी भ्रष्टतम चापलूस सी नजर आती है। जिन लोगों ने सुधीर शर्मा को पैसे दिए उन्हें तो एसटीएफ ने फटाफट अरेस्ट कर लिया परंतु जिस सुधीर शर्मा ने पैसे वसूले उसकी खातिरदारी की जा रही है।
व्यापमं महाघोटाले में आरोपी बनाए गए खनन कारोबारी सुधीर शर्मा से एसटीएफ ने गुरूवार को दोबारा पूछताछ की, पर अप्रत्याशित तरीके से जांच एजेंसी ने बिना गिरफ्तार किए ही सुधीर को चाय-नाश्ता कराकर छोड़ दिया।
सत्ता में दखल रखने वाले रसूखदार सुधीर के खिलाफ एसटीएफ ने तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। उन पर पैसे लेकर अभ्यर्थियों को विभिन्न परीक्षाओं में पास कराने का आरोप है। एसटीएफ पहले भी सुधीर से पूछताछ कर चुकी है।
सुधीर को जब दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया तो ऎसी संभावना थी कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन जांच एजेंसी ने मेहमाननवाजी कर सुधीर को जाने दिया।
एसटीएफ अफसरों का कहना है कि सुधीर को गिरफ्तार करने के लिए उनके पास अभी अपर्याप्त सबूत हैं, जबकि जांच एजेंसी ने जिन अभ्यर्थियों के बयानों के आधार पर सुधीर पर केस दर्ज किया है, उन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। एसटीएफ की ऎसी कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पूछताछ के लिए सुधीर के न आने की अटकलें थीं, पर एक चैनल पर दिए साक्षात्कार में सुधीर ने मुख्यालय जाने की घोषणा की। सुबह साढ़े ग्याहर बजे वे मुख्यालय पहुंचे। करीब सात घंटे एसटीएफ मुख्यालय की पहली मंजिल में समय बिताने के बाद वे शाम सवा सात बजे बाहर निकले। बेहद सामान्य लहजे में सुधीर ने कहा कि उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था। बोले- मुझे राजनीतिक रंजिश के चलते फंसाया जा रहा है।
डी एसपी डीके तिवारी ने सुधीर से मुख्यालय की पहली मंजिल पर बंद कमरे में पूछताछ की। नवंबर 2013 में सुधीर के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था, फिर दिसंबर 13 को उन्हें पहली बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सुधीर बार-बार फोन पर बात कर रहे थे, तब एसटीएफ ने उनका मोबाइल बंद करा दिया।
सुधीर शर्मा के खिलाफ संविदा शाला शिक्षक वर्ग, पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में पैसे लेकर अपने रसूख के बल पर अभ्यर्थियों को पास कराने का आरोप है।