भोपाल। पिछले दिनों पूरे प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि कोई दैवीय प्रकोप नहीं है, बल्कि जंगल की अंधाधुंध और अवैध कटाई के कारण ऐसा हुआ है। पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी. पांडेय ने गुरुवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ((एनजीटी)) में दायर एक याचिका में यह दावा किया है।
याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खराब हुई फसल को जलाने पर फिर से ओलावृष्टि हो सकती है। ऐसे में इसके निपटान के लिए तत्काल प्रबंध करने की जरूरत है। ट्रिब्यूनल ने याचिका को स्वीकार कर केंद्र व राज्य सरकार, मप्र आपदा प्रबंध संस्थान, कृषि विभाग, मुख्य निर्वाचन आयोग, वन विभाग और मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।
ग्रीन बेल्ट की जमीन पर यथास्थिति के निर्देश :
एनजीटी ने गुरुवार को कलियासोत नदी के किनारे स्थित ग्रीन बेल्ट की जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। प्रदीप कुमार पांडे एवं अन्य रहवासियों ने बीती चार मार्च को नदी से लगी जमीन पर प्लॉट काटे जाने के मामले में याचिका दायर की थी। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 अप्रैल की तारीख तय की गई है।
एनजीटी में याचिका दायर कर बताया था कि जा रहे हैं और भवन निर्माण की कोशिश की हो रही है। इसके लिए वहां पर समतलीकरण कर दिया गया है। यदि इस जमीन पर निर्माण होता है, तो बारिश में जल भराव होने पर जान-माल का नुकसान हो सकता है। गुरुवार को एनजीटी में इस मामले पर सुनवाई हुई।