मध्यप्रदेश सरकार के विज्ञापनों पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रबंधन प्रभारी उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश कांगे्रस ने आज मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद को एक शिकायत सौंपी है, जिसमें   5 मार्च 2014 को आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद माह, मार्च 2014 की सैकड़ों मासिक पत्रिकाओं में भाजपा सरकार की विभिन्न उपलब्धियों और उसके क्रियाकलापों का बखान करते हुए बड़े-बड़े बहुरंगी विज्ञापन छपवाये जाने पर गंभीर आपत्ति उठाई गई है।

कांगे्रस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि सरकारी विज्ञापनवाली पत्रिकाएं विभिन्न सार्वजनिक कार्यक्रमों में इन दिनों मुफ्त बांटी जा रही हैं। पार्टी ने आशंका प्रगट की है कि चुनाव आयोग ने इस मामले में हस्तक्षेप कर विज्ञापन छपने और पत्रिकाओं के वितरण को नहीं रोका तो अप्रैल महीने में भी ये पत्रिकाएं सत्तारूढ़ भाजपा को लोकसभा चुनाव में फायदा दिलवाने का काम करेंगी।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि कांगे्रस ने अपनी शिकायत के साथ मार्च 2014 के द्वितीय सप्ताह के बाद प्रकाशित एवं वितरित की जा रहीं कुछ पत्रिकाएं भी चुनाव आयोग को भेजी हैं, जिनमें राज्य सरकार के विज्ञापन छपे हैं। इनमें मुख्य मंत्री शिवराजसिंह चैहान के भावनात्मक क्रियाकलापों को दर्शाते हुए दो विज्ञापन तो ऐसे हैं, जो मतदाताओं की भावनाओं को उत्प्रेरित कर भाजपा को चुनावी फायदा दिलवाने में काफी मदद पहुंचा सकते हैं।

आपने कहा है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के चलते 5 मार्च 2014 से आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावशील हो चुकी है। आचार संहिता प्रभावशील होने के बाद किसी भी प्रकार का सरकारी विज्ञापन नहीं छपवाया जा सकता, लेकिन इस प्रावधान को नजरअंदाज कर राज्य सरकार द्वारा मासिक पत्रिकाओं में कई प्रकार के महंगे विज्ञापन छपवाये जा रहे हैं। चुनाव आचार संहिता के प्रभावशील रहते प्रदेश में ऐसा पहली बार हो रहा है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बताया है कि कांग्रेस ने अपनी शिकायत में सरकारी विज्ञापनों के प्रकाशन को रोकने और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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