भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के सचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने आज मुख्य चुनाव आयुक्त, नई दिल्ली को एक अत्यंत गंभीर शिकायत भेजकर अवगत कराया है कि मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी जयदीप गोविंद और बैतूल के कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आरपी मिश्रा पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जांच में दोषी पाये जाने पर भी बाबा रामदेव को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
ये दोनों अधिकारी वर्तमान में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के चलते भी उन्हीं पदों पर कार्यरत हैं, जिन पदों पर वे विधानसभा चुनाव के दौरान पदस्थ थे। कांग्रेस ने आशंका व्यक्त की है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के समर्थक बाबा रामदेव को बचाने वाले ये अधिकारी लोकसभा का चुनाव निष्पक्षता के साथ संपन्न नहीं करा सकते, इसलिए इनको तत्काल वर्तमान पदों से हटाना आवश्यक है।
कांग्रेस के प्रवक्ता ने मुख्य चुनाव आयुक्त को आवश्यक प्रमाणों के साथ भेजी अपनी शिकायत में कहा है कि पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान बाबा रामदेव ने बैतूल की एक आमसभा में गांधी परिवार के संबंध में आपत्तिजनक शब्द कहे थे। कांग्रेस की शिकायत पर टीआई ने जांच की थी, उसमें बाबा रामदेव आचार संहिता उल्लंघन के दोषी पाये गए थे। विधान सभा क्षेत्र क्र. 131 (बैतूल) के वीडियो विविंग दल ने भी रामदेव के भाषण को आचार संहिता का उल्लंघन माना था। तदनुसार कलेक्टर, बैतूल ने 17 नवम्बर 2013 को आगे की कार्यवाही के लिए प्रकरण मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भेजा था, किंतु करीब चार महीने का समय बीत जाने के पश्चात भी न तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कोई कार्रवाई की और न ही कलेकटर, बैतूल ने अपेक्षित कार्रवाई के लिए अपने स्तर पर कोई पहल की। कांग्रेस ने इस स्थिति में बाबा रामदेव को बचाने का आरोप इन दोनों अधिकारियों पर लगाया है।