एटीएम कार्ड उपभोक्ताओं के पॉकेट में ही है और अकाउंट से पैसे गायब हो रहे हैं। लोग बैंक के पास जाते हैं तो वो तकनीकी ज्ञान बांट देते हैं, पुलिस के पास जाओ तो सुनती नहीं। उल्टे सवाल ज्यादा करती है। ऐसे में वहां से भी हाथोंहाथ ज्यादा मदद नहीं मिल पा रही है।
ऐसे में BhopalSamachar.com ने साइबर एक्सपर्ट, साइबर क्राइम से जुड़े पुलिस ऑफिसर और बैंक के आईटी एक्सपर्ट से जाना कि वारदात कैसे हो रहे हैं और इससे बचें कैसे। आपके लिए भी यह जानना आवश्यक है, क्योंकि किसी भी कॉल पर आप जल्दबाजी में अपनी सारी जमा पूंजी गवां सकते हैं। BhopalSamachar.com की ओर से जुटाई गई इस पूरी जानकारी में सबसे बड़ी बात यही सामने आई है कि भले ही कोई भी पूछे। अपने अकाउंट और एटीएम संबंधी जानकारी किसी को ना दें।
बैंक अकाउंट से रुपए चुराने के 4 तरीके
1- सबसे ज्यादा कार्ड क्लोनिंग
एटीएम मशीन में स्किमर लगाकर भी कार्ड की क्लोनिंग हो रही है। स्किमर से अपराधी एटीएम कार्ड की मैगनेटिक स्ट्रिप से बैंक कस्टमर का डाटा चुरा लेते हैं। स्कीमिंग के लिए काम में ली जाने वाली डिवाइस कार्ड के डैक से छोटी होती है जो अक्सर एटीएम मशीन के कार्ड रीडर के पास या उसके ऊपर (वैसी ही मोल्डिंग में) लगा दी जाती है। इसके अलावा पिन कैप्चर करने के लिए भी की-बोर्ड के पास पिन-होल कैमरा लगा दिया जाता है, जो पिन दबाने के दौरान हुई गतिविधियां रिकॉर्ड कर लेता है।
2 - सीसीटीवी में पासवर्ड रिकॉर्ड
कुछ लोग ऑनलाइन भुगतान करते हैं जो कार्ड पर लिखे नंबर और पिन नंबर से ही संभव होता है। ऐसे में शॉपिंग मॉल में मौजूद कर्मी से मिलीभगत कर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पिन नंबर व कार्ड नंबर देखकर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जा सकती है। ऐसा तब होता है जब कहीं शॉपिंग के बाद आप ऑनलाइन भुगतान करते हैं।
3- बैंककर्मी बन ठगी
फोन पर खुद को बैंककर्मी बताकर ठग खाताधारक की डिटेल हासिल करते हैं, इसके बाद ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से पैसे निकाले जाते हैं।
4- फिक्स की-बोर्ड
की-बोर्ड पर क्यू फिक्स लगाकर ठगी की जा रही है। खाताधारक ट्रांजेक्शन के बाद कैंसिल का बटन दबाते हैं तो ट्रांजेक्शन कैंसिल नहीं होता है और पीछे खड़ा व्यक्ति ट्रांजेक्शन पूरा होने से पहले ही एटीएम पर आकर कंटीन्यू का ऑप्शन दबाकर रुपए निकाल लेता है।
इन 5 जगह स्किमर संभव
एटीएम में स्कीमिंग डिवाइस लगा है इसका पता कॉर्ड स्लॉट पर लगी लाइट चल जाता है। अगर कार्ड लगाने पर लाल या हरी लाइट न जले तो संभव है कि वहां स्कीमिंग हो रही है।
फर्क मुश्किल
एक्सपर्ट के अनुसार यह फर्क कर पाना मुश्किल होता है कि किस एटीएम मशीन में स्किमर लगा है और किसमें नहीं। उसकी मोल्डिंग ऐसी होती है कि वह कार्ड रीडर और मशीन का हिस्सा ही लगता है।