वो प्रवक्ता बीजेपी के हैं, वेतन देती है मध्यप्रदेश सरकार

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, यूं तो बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, दिल्ली में बैठते हैं परंतु उनका वेतन मध्यप्रदेश से जारी होता है और वो भी 1 लाख रुपए प्रतिमाह।

दस्तावेजों में प्रदेश के तकनीकी शिक्षा विभाग ने इन्हें दिल्ली में लायजनिंग ऑफिसर के बतौर नियुक्त कर रखा है, जिनका वेतन राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) द्वारा दिया जा रहा है। ज्‍योतिष का ज्ञान रखने वाले डॉ. त्रिवेदी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के की कुंडली देखने के साथ उन्‍हें पॉलीटिकल एडवाइज भी देते हैं।

लगभग तीन साल पहले डॉ. सुधांशु त्रिवेदी की सेवाएं मध्यप्रदेश शासन ने उत्तर प्रदेश के किसी आईईटीपी इंस्टीट्यूट से प्रतिनियुक्ति पर ली और इनके वेतन निकालने की जिम्मेदारी राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को दी गई।

यूटीडी प्रशासन ने दिया वेतन

आरजीपीवी को भेजे पत्र में शासन ने कहा कि डॉ. त्रिवेदी की सेवाएं दिल्ली में रहेंगी, जहां वे समन्वय अधिकारी के रूप में काम करेंगे। इस आधार पर विश्वविद्यालय ने यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी यूटीडी गांधी नगर भोपाल को निर्देश दिया कि डॉ. त्रिवेदी का वेतन प्रदान किया जाए। यूटीडी प्रशासन ने बाकायदा डॉ. त्रिवेदी को वेतन दिया लेकिन न तो उनका उपस्थिति पत्रक मिला और न ही कभी वे विश्वविद्यालय या यूटीडी में आए।

मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि डॉ. त्रिवेदी को वर्ष 2012-13 में दिए गए भुगतान के ऐवज में आरजीपीवी द्वारा 3 हजार 6 सौ 77 रुपए टीडीएस काटना बताया गया है। विश्वविद्यालय के यूटीडी विभाग ने इसका फार्म नंबर 16 भी जारी किया, जिसमें डॉ त्रिवेदी का स्थाई पता 21/1013, सेक्टर 21 इंदिरा नगर गाजीपुर लखनऊ दर्ज है। इसमें उनका पेन नंबर एसीकेपीटी 4164जी दर्ज है।

तरक्‍की के पीछे ज्‍योतिषीय ज्ञान

आयकर विभाग की वेबसाइट से भी इसकी पुष्टि हो रही है कि यह पेन नंबर डॉ. त्रिवेदी का है। साथ ही भारतीय जनता पार्टी की वेबसाइट में पदाधिकारियों के ब्यौरे में दर्ज पता भी वही है, जो पेन नंबर में दर्ज है। डॉ. त्रिवेदी की रातोंरात इस तरक्की के पीछे उनका ज्योतिषीय ज्ञान बताया जाता है।

डॉ. त्रिवेदी को कुंडली देखने में ज्ञान हासिल है। वे लंबे समय से राजनाथ सिंह की कुंडली भी देख रहे हैं। एसटीएफ द्वारा व्यावसायिक परीक्षा मंडल में पीएमटी और सरकारी भर्ती में घोटाला उजागर करने के बाद कुछ माह पहले आनन-फानन में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने डॉ त्रिवेदी की सेवाएं तकनीकी शिक्षा विभाग को लौटा दीं।

उनका वेतन निकालना भी विश्वविद्यालय ने बंद कर दिया। आरजीपीवी के कुलपति पीयूष त्रिवेदी के संरक्षण का दायित्व भी डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने संभाल रखा है। सूत्रों का मानना है कि गड़बड़ियों के चलते तकनीकी शिक्षा विभाग ने पीयूष त्रिवेदी को हटाने का प्रस्ताव सरकार को भिजवाया, पर भाजपा प्रवक्ता के हस्तक्षेप से मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।


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