राकेश दुबे@प्रतिदिन। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों को आदेश दिया है की गैस का दाम बढ़ाने और उसकी उपलब्धता को प्रभावित करने वाले उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ जाँच हो और मुकदमा चलाया जाये | जिनकी शिकायत देश के कुछ नामचीन लोगों ने की है |
अरविन्द केजरीवाल अपनी जगह सही है | उन्हें न केवल इस आवेदन पर बल्कि हर उस आवेदन पर न्यायोचित कार्यवाही करना चाहिए,जो उन्हें या उनकी सरकार को मिलते है | देश के राष्ट्रपति से लेकर प्रदेश के छोटे अफसर तक से आम नागरिक की यही अपेक्षा रहती है | लेकिन, ऐसा होता नहीं है, चुनिन्दा आवेदनों पर कार्यवाही होती है, वह भी कहीं ओर निशाना साधते हुए |
इस मामले में भी ऐसा ही हुआ है | भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में टी एस आर सुब्रमनियम, ई एस सरमा,एडमिरल तहलियानी और कामिनी जायसवाल ने शिकायत की थी की रिलायंस को लाभ पहुचने के लिए गैस के दामों को कई गुना बढ़ाया गया है और वृद्धि की सम्भावना है |
सवाल यहाँ दूसरा है, यह विषय पहले भी कई बार अलग-अलग तरीके से उठाया जाता रहा है| कोई और नहीं आ आ पा पार्टी के लोग ही इसे उठाते रहे | इस मामले को लेकर नीचे से सर्वोच्च न्यायालय तक मुकदमे भी हुए हैं | फिर सब अब तक क्यों चुप थे और अब क्या मजबूरी है ? उत्तर खोजने के लिए बहुत दूर तक नहीं जाना पड़ेगा | प्रश्न के एकदम नजदीक उत्तर है, रिलायंस बड़ी कम्पनी है और राजनीतिक दल उससे लाभान्वित होते है | देश और जनता से मतलब तब होता, जब कहीं और कुछ मतलब होता है |
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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rakeshdubeyrsa@gmail.com
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