बन रही है पीएफ की नई पॉलिसी

भोपाल। कर्मचारी भविष्य निधि को ज्यादा फायदेमंद बनाने के दो प्रस्ताव सरकार के पास आए हैं। एक है पीएफ फंड में ज्यादा निवेश की छूट का और दूसरा फंड जमा करने वालों को घर देने का।
हाल ही में इस विभाग के प्रभारी मंत्री ऑस्कर फर्नांडिज ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को सलाह दी थी कि वह इस तरह की संभावना तलाश करे, जिसके बाद ईपीएफओ ने इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया है।

प्रस्तावों को लेकर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान का कहना है कि पीएफ फंड में अतिरिक्त पैसा जमा करने की योजना पर विचार चल रहा है। इसके अलावा घर देने की योजना के लिए सिंगापुर मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है, साथ ही हमारे देश में इसकी व्यावहारिकता का परीक्षण होगा। जैसे, कहां जमीन मिलेगी, कितना खर्च आएगा, आदि।

बेसिक सैलरी का 10 % और जमा करने की छूट:
कर्मचारियों को यह छूट मिले कि यदि वे बेसिक सैलरी का दस प्रतिशत और इस खाते में जमा करना चाहें तो कर सकें। यदि ऐसा हुआ तो पीएफ फंड में बेसिक सैलरी का 30 फीसदी तक जमा किया जा सकेगा। फिलहाल बेसिक सैलरी का दस प्रतिशत हिस्सा ही पीएफ खाते में जमा हो रहा है। लगभग इतना ही नियोक्ता जमा करता है।

फायदा : फिक्स को छोड़कर अन्य जमा योजनाओं पर चार से छह फीसदी तक ब्याज मिलता है। पीएफ में यह अभी 8.75 फीसदी है। इसमें पीपीएफ की तरह लंबा लॉकइन पीरियड नहीं। कभी भी पैसा निकाल सकते हैं या लोन ले सकते हैं।

रिटायरमेंट के बाद मिल सकेगा घर:
एक तय समय और पीएफ बैलेंस होने के बाद खाताधारक को घर दिया जा सकता है। ये ईडब्ल्यूएस या एलआईजी ही होंगे। ये शहर के बाहरी इलाकों में होंगे। इन घरों से मुख्य शहर को बीआरटीएस से जोड़ा जाए। सिंगापुर में ऐसा होता है। वहां सैलेरी का 40 प्रतिशत तक पीएफ में जमा किया जा सकता है। जिसके बदले लोगों को घर मिलते हैं।

फायदा : रिटायरमेंट के बाद ऐसे घर बुजुर्गों के लिए बड़ा आसरा बन सकते हैं। ऐसी बसाहट में लगभग एक उम्र के लोग रहेंगे, जो एक-दूसरे का सहारा बन सकते हैं। यानी ओल्ड एज होम।


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