भोपाल। इन्दौर में इन्फोसिस कैंपस का शिलान्यास सौ प्रतिशत कैलाश विजयर्गीय के प्रयासों का परिणाम है। इसके लिए कैलाश विजयर्गीय ने कई पापड़ बेले तब जाकर उन्हें यह सफलता मिली। अब उनके विरोधी इसी मामले को आधार बनाकर उन्हे सीएम शिवराज सिंह चौहान से भिड़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
मीडिया में आईं कुछ खबरों में इस मामले की अजीबोगरीब समीक्षा की गई। कुछ मीडिया समूहों ने इस आयोजन के विज्ञापनों में मोदी के गायब होने का मुद्दा उठाया तो कुछ मीडियाकर्मियों को शिवराज की तुलना में कैलाश ज्यादा महत्व के साथ प्रकाशित होते हुए दिखाई दिए। मीडिया कर्मियों ने समीक्षा की है कि इस मामले में कैलाश ने खुद को शिवराज से ज्यादा एक्सपोज किया है।
इधर कैलाश विजयर्गीय के निकट मित्रों का कहना है कि इन सारी बातों से कैलाश विजयर्गीय का कोई सरोकार ही नहीं है। वो तो काफी समय से इन्फोसिस कैंपस के लिए प्रयास कर रहे थे और वो इन्दौर में आ गया। बस उनका टारगेट पूरा हो गया है। श्रेय की राजनीति ना तो कैलाश पहले किया करते थे और ना ही अब करते हैं। वो सहयोग की राजनीति हमेशा से करते आए हैं। इस बार भी उन्होंने यही किया है।
सनद रहे कि राष्ट्रीय स्तर पर मोदी और शिवराज के बीच जिस तरह की तनातनी मीडिया में दिखाई देती है, प्रादेशिक स्तर पर ठीक इसी प्रकार का तनाव शिवराज और कैलाश के बीच दिखाने का प्रयास हमेशा से किया जाता रहा है। राजनीति और मीडिया का एक वर्ग विशेष हर आयोजन में बस यही बिन्दु तलाशता है। इन्फोसिस कैंपस जैसे सफलतम कदम पर भी क्या क्या खोज डाला भाईलोगों ने।