उमेश नेक्स/मंदसौर। भ्रष्टाचार मुक्त मप्र की बात कहने वाली भाजपा शिवराज सरकार की पोल उनके ही करीबी रहे मंत्री ही खोल रहे है जैसे जैसे एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे है वैसे वैसे इनमे शिवराजजी के खास कहे जाने वाले मंत्रियों के नाम सामने आ रहे है...!
कभी पी.एम्.टी. घोटाला तो कभी व्यापम घोटाला, कभी शिक्षाकर्मी घोटाला तो कभी छात्रवृत्ति घोटाला...? और हर घोटाले में शिवराज सरकार के किसी न किसी मंत्री या अधिकारी का नाम आना सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त म.प्र. का दावा एक दम झूठा सा लगता है...?
जहाँ पहले शिवराज सरकार के एक बड़े पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का नाम व्यापम घोटाले में सामने आया तो अब एक और पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा का नाम सामने आया है...! म.प्र. सहारा समय न्यूज चेनल पर चली खबर पर विश्वास करें तो व्यापम घोटाले की जाँच के लिए बनी स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानि एस.टी.एफ. अब पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा से भी फर्जी भर्ती घोटाले सम्बन्धित पूछताछ कर सकती है।
सूत्र बताते है कि देवड़ा के परिवहन मंत्री रहते वक्त परिवहन विभाग में हुए फर्जी भर्ती घोटाले की जाँच में अब देवड़ाजी पर भी आंच आने वाली है...! और इसी सम्बन्ध में एस.टी.एफ. पूर्व मंत्री देवड़ा से पूछताछ करने वाली है...?
इसी के चलते मंत्री नही बने थे देवड़ा...?
सूत्रों पर भरोसा करे तो जिस दिन व्यापम घोटाले का खुलासा हुआ उसी दिन इस घोटाले में शिवराजसिंह के खास कहे जाने वाले पूर्व मंत्रीजी का नाम सुर्खियों में आ गया था और उसी का नतीजा यह निकला की जहाँ मंत्रिमंडल गठन के दिन सारे न्यूज पेपरों में सम्भावित मंत्रियों की लिस्ट में जगदीश देवड़ा का नाम प्रमुखता से प्रकाशित हुआ वही मंत्री मंडल की शपथ से ऐन पहले न जाने ऐसा क्या हुआ जो देवड़ाजी का नाम शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट से ही गायब हो गया...! यह भी एक चोकाने वाली बात थी मगर हकीकत और कुछ थी जो उस वक्त सामने आने से रोक ली गयी थी...? लेकिन अब जब परिवहन विभाग के भर्ती घोटाले में एस.टी.एफ. देवड़ाजी से पूछताछ की खबर बड़े चेनलों पर आ रही है तो उस वक्त मंत्री न बनाये जाने का कारण भी अब समझ में आने लगा है कि हो ना हो व्यापम घोटाले से पूर्व मंत्री देवड़ाजी का भी कोई ना कोई नाता तो है...? और यह भी समझ में आ गया कि आखिर विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए देवड़ाजी ने पर्चा दाखिल करने के लिए धनतेरस का ही दिन क्यों चुना था...? क्योकिं धनतेरस का दिन जनसेवा के लिए नही बल्कि व्यापार व्यवसाय के लिए बड़ा ही लाभ शुभ वाला होता है...!
व्यापम घोटाला यानि योग्यता का दम निकाला
जो कुछ इस व्यापम घोटाले में हुआ है वो उन योग्यवान और मेहनतकश छात्रों के साथ धोका है जो विषम परिस्थतियों में भी खूब मेहनत करते है दिन रात पढ़ लिख कर व्यापम की परीक्षा इस उम्मीद के सहारे देते है कि उनने खूब पढाई की है और वे अपनी मेहनत के दम पर कोई ना कोई सरकारी नोकरी परीक्षा पास कर के पा ही लेंगे, लेकिन व्यापम घोटाला उनकी कढ़ी मेहनत पर पानी फेर देता है और ऊपर से नोटों के बंडल पर बैठ कर कोई रईसजादा उनका हक़ मार लेता...! जिन योग्य मेहनतकश युवाओं के मजबूर माँ बाप उन्हें बड़ी कठिनाइयों के दोर में भी उनकी अच्छी पढाई में मोटी रकम इस उम्मीद से खर्च करते है कि उनकी ओलाद योग्य है और वो अपनी योग्यता के आधार पर अपनी जिन्दगी के अहम मुकाम पर पहुंच जाएगा...! मगर ऐसा कतई नही होता है भ्रष्टाचार बेईमानी के इस दोर में योग्यता और मेहनतकश वाला इन्सान कोई मायने नही रखता है...!