2 साल बढ़ सकती है रिटायरमेंट की उम्र

भोपाल। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) का केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) बुधवार को होने वाली बैठक में संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिये अपनी पेंशन को लेकर सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 60 करने के प्रस्ताव पर विचार करेगा।

इसके अलावा सीबीटी अशंधारकों को 20 साल की पेंशनयोग्य सेवा देने के बाद दो साल का बोनस देने की योजना वापस लेने पर भी विचार करेगा। ये प्रस्ताव श्रम मंत्री आस्कर फर्नांडीस की अध्यक्षता में होने वाली सीबीटी की 5 फरवरी को निर्धारित बैठक के एजेंडे में शामिल हैं।

फिलहाल कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस-95) के तहत ईपीएफओ के अंशधारकों के लिये पेंशन योजना से जुड़े होने की समयसीमा नियत है। इसके तहत वे 58 साल के बाद वह योजना में योगदान नहीं दे सकते।

दिलचस्प है कि ईपीएफओ की कर्मचारी भविष्य निधि योजना (ईपीएफ) 1952 तथा इंप्लायज डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (ईडीएलआई) योजना 1976 में योगदान के लिये उम्र की कोई सीमा नहीं है। वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को दिये अपने ज्ञापन में ईपीएस-95 में उक्त संशोधनों का प्रस्ताव किया है। योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपए किये जाने पर सहमति के बाद यह ज्ञापन दिया गया है।

वित्त मंत्रालय का विचार है कि सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ने से अंशधारकों के कोष में अच्छा-खासा इजाफा होगा। साथ ही भुगतान को दो साल के लिये टाला जा सकेगा। न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपए मासिक किये जाने के अलावा सीबीटी ईपीएस, 95, ईपीएफ तथा ईडीएलआई योजना में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है। इसके तहत वेतन सीमा मौजूदा 6,500 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपए किये जाने का प्रस्ताव है।

योजना के तहत वेतन सीमा मौजूदा 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये किये जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सीबीटी पेंशनयोग्य वेतन की गणना के लिये प्रस्ताव पर भी विचार करेगा। यह प्रस्ताव है कि पेंशनयोग्य वेतन का आकलन मौजूदा 12 महीने की औसत तनख्वाह की जगह पिछले 60 महीने के वेतन के आधार पर किया जाए।


#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!