भोपाल। बिल्डर्स की एसोसिएशन से ईवेंट कंपनी में तब्दील हो गई क्रेडाई वापस एक यूनियन का रूप लेने का प्रयास कर रही है। कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स ऑफ इंडिया ((क्रेडाई)) ने नगर निगम द्वारा नर्मदा कर, बिल्डिंग परमिशन शुल्क और सर्विस चार्ज की गलत वसूली पर विरोध जताया है।
क्रेडाई मप्र के पदाधिकारियों ने बुधवार को नगरीय प्रशासन और आवास एवं पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात कर इन करों की सही तरीके से गणना करने के लिए ज्ञापन सौंपा।
बैठक में पदाधिकारियों ने रियल एस्टेट क्षेत्र में आने वाली व्यवहारिक दिक्कतें भी बताई। उन्होंने भोपाल मास्टर प्लान 2031 को जल्द ही प्रकाशित कर उसे लागू करने की मांग भी रखी। विजयवर्गीय ने क्रेडाई की मांगों का निराकरण करने के लिए जल्द ही बैठक बुलाने का आश्वासन दिया। मुलाकात के दौरान भोपाल क्रेडाई के अध्यक्ष विपिन गोयल, इंदौर क्रेडाई के अध्यक्ष गोपाल गोयल, प्रवक्ता मनोज सिंह मीक आदि मौजूद थे।
सनद रहे कि भोपाल में क्रेडाई की पहचान एक ईवेंट कंपनी के रूप में बनी हुई है। वो ना तो बिल्डर्स के हित में कभी कोई कठोर निर्णय लेती है और ना ही कभी सरकार का विरोध करती नजर आई। उपभोक्ताओं के हित में विल्डर्स पर नियंत्रण की प्रक्रिया तो यहां कभी शुरू ही नहीं हुई। अब तक क्रेडाई बस मेले लगाकर माल बिकवाने वाली ऐजेंसी के रूप में ही रही है।
देखते हैं क्रेडाई भोपाल में बिल्डर्स और उपभोक्ताओं के हित में कोई नया कदम उठा पाती है या बस औपचारिक विरोध प्रदर्शन तक ही सीमित रह जाएगी।
क्या है क्रेडाई
कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स ऑफ इंडिया उर्फ क्रेडाई एक ऐसा संगठन है जो सरकार से बिल्डर्स और बिल्डर्स से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए गठित किया गया है। देश भर में इसकी कई शाखाएं हैं एवं कई शहरों में क्रेडाई उपभोक्ता हितों के संरक्षण में बहुत बेहतर काम कर रही है परंतु भोपाल में क्रेडाई का यह चेहरा कभी दिखाई नहीं दिया। ना तो वो बिल्डर्स को नियंत्रित करती और ना ही फर्जी बिल्डर्स के खिलाफ कोई कदम उठाती। इतना ही नहीं सरकार द्वारा लगने वाले मनमाने टैक्सों के खिलाफ भी क्रेडाई ने भोपाल में आज दिनांक तक कोई आंदोलन नहीं किया है।