जबलपुर। मध्यप्रदेश के उपभोक्ताओं को देश के कई राज्यों की तुलना में महंगी बिजली मिल रही है। इसके बावजूद प्रदेश में फ्यूल कॉस्ट एडजस्टमेंट के नाम पर हर तीन महीने में रेट बढ़ाए जा रहे हैं। महंगी बिजली की वजह से जनता पर बोझ बढ़ रहा है। दिल्ली में बिजली के रेट कम होने के बाद लोग मध्यप्रदेश में भी बिजली सस्ती करने की मांग कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश से अलग हुए छत्तीसगढ़ में बिजली के रेट मध्यप्रदेश से आधे हैं। बिहार जैसे राज्य में भी बिजली की दरें 50 प्रतिशत तक कम है। इसके अलावा गुजरात, आंध्रप्रदेश और राजस्थान में भी बिजली मध्यप्रदेश से सस्ती मिल रही है। इसके बावजूद मध्यप्रदेश में फिर से बिजली के रेट बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
निर्घारित दर से दोगुनी वसूली :
लोकसंवाद जनवकालत केन्द्र के गोपाल हूंका का कहना है कि मध्यप्रदेश में बिजली के नाम पर खुली लूट मची हुई है। प्रदेश में 101 से 300 यूनिट तक बिजली के रेट 4.80 रूपए प्रति यूनिट हैं। नियत प्रभार और विद्युत शुल्क जोड़कर उपभोक्ताओं को 7.50 रूपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना पड़ता है। हालत ये है कि 300 यूनिट से अधिक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं को बिजली 9 रूपए प्रति यूनिट पड़ रही है।
अलग-अलग प्रदेशों में बिजली के रेट
मध्यप्रदेश
01-50 यूनिट 3.40 रूपए
51-100 यूनिट 3.85 रूपए
101- 300 यूनिट 4.80 रूपए
गुजरात
01-50 यूनिट 2.95 रूपए
101-200 यूनिट 3.25 रूपए
201- 600 यूनिट 3.90 रूपए
बिहार
01-50 यूनिट 2.00 रूपए
51-100 यूनिट 2.30 रूपए
101 से अधिक 2.70 रूपए
राजस्थान
01-50 यूनिट 3.00 रूपए
51-150 यूनिट 4.65 रूपए
151-300 यूनिट 4.85 रूपए
छत्तीसगढ़
01-100 यूनिट 1.40 रूपए
101-200 यूनिट 1.60 रूपए
201-600 यूनिट 2.30 रूपए
आंध्रप्रदेश
01-50 यूनिट 1.45 रूपए
51- 100 यूनिट 2.60 रूपए
101-150 यूनिट 3.25 रूपए