भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद व्यापमं मामले में सिंघम की तरह धड़ाधड़ गिरफ्तारियां और खुलासे करने वाली एसटीएफ मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद अचानक ठंडी पड़ गई है। हालात यह है कि अब वो व्यापमं घोटाले पर पर्दा डालती हुई दिखाई दे रही है।
सनद रहे कि एसटीएफ ने व्यापमं घोटाले का धमाकेदार खुलासा किया। इतना ही नहीं व्यापमं ने मध्यप्रदेश में ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की। प्याज की परतों की तरह मामले खुलते गए और गेंहू की बालों की तरह आरोपियों के नाम भी सामने आते गए। हालात यह हो गए थे कि एसटीएफ मध्यप्रदेश में एक दमदार और ईमानदार ऐजेंसी के रूप में स्थापित होती जा रही थी।
इसी बीच इस मामले में अचानक पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का नाम सामने आया। एसटीएफ ने उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया। यह एसटीएफ की शक्तिप्रदर्शन का शायद आखरी दिन था। इसके बाद एसटीएफ लगातार बैंकफुट पर आती चली गई।
इधर मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने सीएम पद की शपथ ली और उधर लक्ष्मीकांत शर्मा भागकर दिल्ली जा पहुंचे। शिवराज सिंह भी दिल्ली पहुंचे और वहां जो कुछ भी हुआ इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसी भी खासोआम को सलाखों के पीछे धकेल रही एसटीएफ अचानक मिमियाती हुई नजर आई।
व्यापमं घोटाले का एक आरोपी सुधीर शर्मा व्यापमं के दफ्तर में पेश हुआ, व्यापमं ने उसे चाय पिलाई, औपचारिक पूछताछ की और उसे आसानी से जाने दिया गया। उसके अरेस्ट नहीं किया गया। मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को अरेस्ट कर ने की हिम्मत तो एसटीएफ दिखा ही नहीं पाई। इतना ही नहीं उमा भारती का केवल जिक्र भर आया था कि उमा भारती ने एसटीएफ की बोलती बंद करवा डाली।
कुल मिलाकर पॉलिटिकल प्रेशर में पूरी तरह आ चुकी एसटीएफ अब उसी व्यापमं मामले पर पर्दा डालने में जुट गई है जिसका खुलासा वो सिर उठाकर कर रही थी। व्यापमं घोटाले के मामले में एसटीएफ की जांच अब लगभग समाप्त सी हो गई है। अब कोई नया खुलासा या नई गिरफ्तारी की उम्मीद शेष नहीं रह गई है।
पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एसटीएफ से व्यापमं घोटाले की जानकारी मांगी तो पहले तो एसटीएफ ने कोई जवाब ही नहीं दिया, लेकिन जब ईडी का मांगपत्र मीडिया में सार्वजनिक हो गया तो विषय को टालने के लिए एसटीएफ ने वापस ईडी से पूछ लिया कि वो व्यापमं के किस घोटाले की जानकारी चाहते हैं।
बुन्देलखंड की देसी बोली में कहा जाए तो व्यापमं मामले में अब 'बैल बदिया हो गया है।' देखते हैं अब एसटीएफ ने जिन लोगों को व्यापमं घोटाले में अरेस्ट किया था उन्हें किस अंदाज में जमानत पर रिहा होने दिया जाता है और किस तरह एसटीएफ सारे सबूत जुटाने के बाद न्यायालय में मामले को हार जाने के लिए ड्रामा करेगी।