मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग में शिकायत कैसे करें

आयोग को तार, फैक्स और डाक से शिकायत भेज सकतें है इसके अतिरिक्त शिकायतें आयोग को ऑनलाइन भी दर्ज करायी जा सकती है | शिकायत हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू अथवा संविधान की आठवी सूची में सम्मिलित भाषाओं में से किसी भी भाषा में भेजी जा सकती है |शिकायत स्वयं में स्पष्ट होना अपेक्षित है | शिकायत पर आयोग द्वारा कोई शुल्क स्वीकार नहीं किया जाता है |

आपकी शिकायत में निम्न  जानकारी होना चाहिए:-

1. नाम
2. डाक पता
3. घटना  स्थल
4. घटना की अवधि /  दिनांक
5. घटना का विवरण
6. मानव अधिकार हनन के शिकायत किस शासकीय सेवक / विभाग के विरुद्ध
7. क्या प्रकरण न्यायालय / ट्रिब्यूनल /  किसी आयोग के समक्ष लम्बित है
8. मांगी गयी सहायता

शिकायत मिलने पर आयोग अभिकथन के समर्थन में और जानकारी तथा शपथपत्रों को प्रस्तुत किये जाने हेतु निर्देशित कर सकता है, जब भी आवश्यक हो|

किस प्रकार की शिकायतें आयोग नहीं सुन सकता
(क) उस घटना के सम्बन्ध में,जो शिकायत प्राप्त होने के दिनांक से एक से अधिक वर्ष के पूर्व की घटित हुए हो,
(ख) उस मामले के सम्बन्ध में, जो निर्णयाधीन हो,
(ग) जो तुच्छ प्रकृति की हो,
(घ)जो अस्पष्ट, गुमनाम,अथवा काल्पनिक हो,
(ड़) आयोग के परिक्षेत्र के बाहर की हो,
(च) ऐसे मामले जो राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग या किसी अन्य आयोग या न्यायलय के समक्ष विचाराधीन हो |

आयोग की जाँच करने संबंधित शक्ति
आयोग मानव अधिकारों के उल्लंघन की शिकायतों की जांच करते समय राज्य सरकार या उसके अधीनस्थ किसी अन्य प्राधिकारी या संगठन से जानकारी या प्रतिवेदन निर्धारित अवधि के अंदर  मांग सकता है, यदि जानकारी या प्रतिवेदन आयोग द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर प्राप्त नहीं होता है तो आयोग स्वयं शिकायत की जांच करने के लिये कार्यवाही कर सकता है। यदि राज्य सरकार से जानकारी या प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आयोग को समाधान हो जाता है आगे जांच करना अपेक्षित नहीं है या राज्य सरकार या प्राधिकारी द्वारा अपेक्षित कार्यवाही करना प्रारम्भ कर दी गई है या कर ली गई है, ऐसी स्थिति में आयोग शिकायत पर कार्यवाही नहीं करेगा और तदनुसार शिकायतकार्ता को सूचित करेगा।

मानव अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराने के लिए यहां क्लिक करें
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