भोपाल। कल तक जिन्हें सार्वजनिक कार्यक्रमों में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाता था और जो आलीशान सार्वजनिक जीवन का तुल्फ उठा रहे थे, आज ना जाने कहां मुंह छिपाए बैठे हैं। एसटीएफ उन्हें तलाश रही है और वो भागे भागे फिर रहे है।
एसटीएफ को पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, राज्यपाल के ओएसडी ओपी शुक्ला, कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना, खनन कारोबारी सुधीर शर्मा, आईजी के भाई भरत मिश्रा समेत अन्य आरोपियों की तलाश है। सारे के सारे एसटीएफ की पकड़ और पहुंच से दूर किसी अज्ञात स्थान पर छिपे हुए हैं। एसटीएफ का कहना है कि उन्होंने आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।
इधर, इसी मामले में राज्यपाल के ओएसडी धनराज यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद बुधवार को उनका इस्तीफा ले लिया गया। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में इस मामले के दो अन्य आरोपियों व्यापमं के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी तथा सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा ने एफआईआर में लिखवाया है कि लक्ष्मीकांत शर्मा ने उन्हें अनेक प्रभावशाली लोगों के नाम से संविदा शिक्षक परीक्षा के उम्मीदवारों की लिस्ट देकर उन्हें पास करने के लिए कहा था।
एसटीएफ के डीएसपी डीएस बघेल ने बताया कि शर्मा की तलाश जारी है। उनके खिलाफ और भी सबूत जुटाए जा रहे हैं। सूत्र बताते है। कि शर्मा दिल्ली में हैं। वे गुरुवार को भोपाल पहुंचकर इस मामले में चुप्पी तोड़ सकते हैं। पता चला है कि पूर्व मंत्री ने मंगलवार को दिल्ली में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी से मुलाकात की। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के सामने भी सफाई पेश की।
ओएसडी का इस्तीफा
व्यापमं परीक्षा की गड़बड़ी में नाम आने के बाद राज्यपाल ने ओएसडी धनराज यादव से बुधवार को इस्तीफा ले दिया। उन्होंने दोपहर एक बजे राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा, जिसे मंजूर कर लिया गया। राज्यपाल के प्रमुख सचिव विनोद सेमवाल ने इसकी पुष्टि की है। बाद में दैनिक भास्कर से चर्चा में यादव ने खुद को निर्दोष बताया। उतरप्रदेश के आजमगढ़ में रहने वाले यादव सन 2011 में उतरप्रदेश सचिवालयीन सेवा से रिटायर हुए हैं।
नियुक्तियों की मांगी जानकारी
लक्ष्मीकांत शर्मा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। एसटीएफ ने तकनीकी शिक्षा विभाग से अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्तियां और इंजीनियरिंग कॉलेजों को दी गई मान्यता से संबंधित जानकारी मांगी है। एसटीएफ की टीम संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा से संबंधित रिकार्ड जब्त करने बुधवार को व्यापमं पहुंची।
नहीं मिल रहे शुक्ला, संजीव सक्सेना, सुधीर शर्मा
व्यापमं परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले में एसटीएफ को पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी ओपी शुक्ला, कांग्रेस नेता संजीव सक्सेना, खनन कारोबारी सुधीर शर्मा, आईजी के भाई भरत मिश्रा समेत अन्य आरोपियों की तलाश है। ओएसडी शुक्ला की अंतिम लोकेशन इलाहाबाद में होने की सूचना मिली थी।
अहमदाबाद भेजे गए अफसर
एसटीएफ ने पंकज त्रिवेदी तथा नितिन महिंद्रा का नार्को टेस्ट कराने की तैयारी कर ली है। इस सिलसिले में फोर्स के एआईजी स्तर के एक अफसर कमल मौर्य को नार्को टेस्ट की प्रक्रिया से अवगत होने के लिए अहमदाबाद भेजा गया है। चूंकि इस टेस्ट के लिए आरोपी की सहमति जरूरी होती है, इसलिए एसटीएफ त्रिवेदी तथा महिंद्रा को इसके लिए तैयार करने की कोशिश कर रही है। यदि वह सफल हुई तो यह प्रदेश में नार्को टेस्ट का दूसरा मामला होगा। इससे पहले बांधवगढ़ में बाघिन वाले मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए आरोपी का यह टेस्ट किया गया था।
प्रभावशाली लोगों के नाम लिए थे शर्मा ने
लक्ष्मीकांत शर्मा ने अनेक प्रभावशाली लोगों के नाम से भी कई उम्मीदवारों के रोल नंबर पंकज त्रिवेदी तथा नितिन महिंद्रा को दिए थे। मंत्री ने इन उम्मीदवारों को वर्ष-2011 की संविदा शाला शिक्षक वर्ग-2 की परीक्षा में पास करने को भी कहा था। 7 दिसंबर को दर्ज एफआईआर में त्रिवेदी तथा महिंद्रा ने बताया है कि शर्मा ने उन्हें नाम और रोल नंबर की लिस्ट भेजी थी। एफआईआर में उन सभी उम्मीदवारों के नाम और रोल नंबर लिखे हैं।
एफआईआर में साफ तौर पर लिखा गया है कि प्रभावी लोगों को उपकृत करने के लिए उम्मीदवारों से उन्हें कोई राशि नहीं मिलती थी। प्रभावी लोगों द्वारा खुद ही यह राशि ले ली जाती थी। एसटीएफ ने नितिन महिंद्रा के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क से रिकवर डाटा के आधार पर शर्मा के खिलाफ दो प्रकरण दर्ज किए हैं। डाटा में नितिन महिंद्रा ने पास होने वाले परीक्षार्थियों के नाम के साथ उन्हें पास करने की सिफारिश करने वालों के नाम लिखे थे। जिसमें लक्ष्मीकांत शर्मा, ओएसडी शुक्ला, राज्यपाल के ओएसडी धनराज यादव, अमित पांडे समेत कई लोगों के नाम का उल्लेख है।
एफआईआर के अनुसार, मंत्री ने इनके नाम से भेजी लिस्ट : मिनिस्टर, कुंवरनाथ, भजन सिंह, मांगीलाल पटवारी, महेंद्र टीचर, राजभवन, प्राइवेट मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन के कंट्रोलर खान, भोपाल केयर हॉस्पिटल के अकबर खान, अजय कुमार, अजय मेहता, उमेश त्रिपाठी, पांडेय जी, अजय सिंह तथा संतोष चौरे।