भोपाल। व्यापमं घोटाले में एसटीएफ की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है और स्पष्ट हो गया है कि वो सरकार के इशारों पर नाच रही है। अब तक जो भी कार्रवाई हुई है वो राजनीति के इशारों पर ही हुई है।
मामला लक्ष्मीकांत शर्मा और सुधीर शर्मा का है। सोमवार को शर्मा बंधू अचानक एसटीएफ के सामने पेश हुए, एसटीएफ ने उनसे औपचारिक पूछताछ की और वो वापस अपने अपने घरों को चले गए। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया, जबकि इसी मामले में उनके सभी सह आरोपियों को धड़ाधड़ गिरफ्तार किया गया है।
एसटीएफ का कहना है कि अभी तो मामला दर्ज ही हुआ है, अब जांच करेंगे, सबूत मिले तो गिरफ्तार कर लेंगे।
कुल मिलाकर लक्ष्मीकांत शर्मा के मामले में एसटीएफ नरम हो गया है, इसके पीछे दलील दी जा सकती है कि लक्ष्मीकांत शर्मा एक प्रतिष्ठित राजनेता है, मंत्री रहे हैं। वो फरार नहीं होंगे इसलिए गिरफ्तारी में जल्दबाजी की जरूरत नहीं है परंतु सवाल यह उठता है कि सुधीर शर्मा कौन से विशेष महत्व के व्यक्ति हैं जो उन्हें भी जाने दिया गया।