भोपाल। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने स्पष्ट किया है कि कोई भी बैंक ऐसा नोट लेने से मना नहीं कर सकता, जिस पर पेन से कुछ लिखा गया हो। अलबत्ता, ऐसे नोट तुरंत जब्त कर लिए जाएंगे, जिन पर किसी राजनीतिक दल की प्रचार सामग्री लिखी गई हो। कोई भी बैंक इन नोटों को स्वीकार नहीं करेगा।
दरअसल सोशल मीडिया पर यह प्रचारित किया जा रहा है कि आगामी 1 जनवरी से बैंक किसी भी ऐसे नोट को स्वीकार नहीं करेंगे, जिन पर पेन से कुछ लिखा गया हो। इसका असर यह हुआ कि कई व्यापारी तथा बैंकों ने भी ग्राहकों से ऐसे नोट लेने से इंकार कर दिया है। दूसरी ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि उसकी क्लीन करंसी पॉलिसी सालों पुरानी है। इसमें एक जनवरी से कोई बदलाव नहीं हो रहा। पॉलिसी में केवल पॉलिटिकल स्लोगन लिखे नोटों पर ही बैन है।
हो रहा है इजाफा
पिछले एक माह से आरबीआई के भोपाल जोन स्थित कार्यालय में व्यापारियों और बैंकों से मार्क वाले या फिर नंबर लिखे नोटों को वापस करने की शिकायतें लेकर पहुंचे ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ है। इन शिकायतों के मद्देनजर आरबीआई में कई बार बैठकें हो चुकी है। अब वह जल्द ही व्यापारियों और बैंकों की एक बैठक बुलाकर इस आशय के निर्देश जारी करेगा।
यह कहती है कि आरबीआई की पॉलिसी
आरबीआई की चीफ जनरल मैनेजर (संचार) अल्पना किल्लावाला ने पब्लिक एडवाइजरी में कहा था कि लोग मुद्रा का भी सम्मान करें। डॉलर की तरह रुपया भी नीट एंड क्लीन हो। इसके हार बनाकर किसी के गले में न डाला जाए न ही इसे शादियों और समारोहों में उड़ाया जाए। लेकिन इस एडवाइजरी में गंदे, रंग लगे या पेन से अंकित नोटों के बारे में कुछ नहीं कहा गया।
इस तरह मच रही गफलत
वीरेंद्र सिंह परमार इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट स्थित एसबीआई के एटीएम से 4000 रुपए निकालने गए। उन्हें 8 पांच सौ रुपए के नोट मिले। इनमें से 7 में पेन से नंबर अंकित थे। जब ये नोट बाजार में नहीं चले तो वे करीबी बैंक की शाखा में नोट बदलने गए। कैशियर ने इन्हें बदलने से इंकार कर दिया। वे इसकी शिकायत लेकर आरबीआई के इश्यू डिपार्टमेंट पहुंचे। वहां अधिकारियों ने बैंकों को मौजूदा कानून के तहत इस तरह के ग्राहकों को न लौटाने के निर्देश दिए। साथ ही ग्राहकों से भी कहा गया है कि वे इस तरह की घटनाओं की शिकायत संबंधित बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से करें।
इन नोटों पर बैन नहीं
:पेन से मार्क वाले :नंबर लिखे हुए :कलर या रंग लगे : नाम लिखे :तुड़े-मुड़े और पुराने।
ये हुए प्रतिबंधित : किसी पॉलिटिकल पार्टी को जिताने के नारे लिखे हुए नोट।
मौजूदा गाइडलाइन के तहत किसी नोट पर पॉलिटिकल स्लोगन लिखा हो तो उसे तत्काल जब्त करने के निर्देश हैं। उसके ऐवज में नोट धारक को कोई पेमेंट नहीं दिया जाएगा। हां, नोट पर लिखने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए आरबीआई विचार जरूर कर रहा है।
राजीव स्वरूप, सहायक महाप्रबंधक, एसबीआई भोपाल मंडल