गैरतगंज।राकेश गौर। मप्र में व्यापम फर्जीबाडा उजागर हुए अभी ज्यादा समय नही गुजरा कि एक और बडा फर्जीबाडा रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील में उजागर हुआ है।
जिसमें पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग एवं एनजीओं ने जिला जनपद पंचायत रायसने एवं गैरतगंज के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लाखों का फर्जीबाडा किया है। जानकारी के मुताबिक शासन द्धारा निःषक्तो के लिए लागू की गई विवाह प्रोत्साहन योजना में गैरतगंज में बड़ा फर्जीवाडा उजागर हुआ है।इस योजना में एक एनजीओ संचालक ने रिकार्ड में फर्जी शादियाॅ कराकर लाखो रूपयो का गोलमाल कर ड़ाला है। पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग द्धारा कराई गई जंाच में यह फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद कलेक्टर रायसेन के निर्देष पर पुलिस में मामला दर्ज हुआ है।
मिली जानकारी के मुताबिक गैरतगजं तहसील अंतर्गत संचालित एक एनजीओ के संचालक अरविन्द गुर्जर निवासी गा्रम अंधियारी ने विगत कुछ वर्षांे में शासन द्धारा संचालित निःषक्त विवाह प्रोत्साहन योजना 2008 के तहत सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित कराकर फर्जी शादियाॅ करा डाली। योजना में शासन के नियमों के विपरीत पहले से ही शादीषुदा तथा बिना विकलंाग लोगो की भी शादियाॅ करा दी तथा शासन से मिलने वाली अनुदान राषि को डकार लिया। इस योजना में पृथक - पृथक नियम के तहत 25 एंव 50 हजार रू का अनुदान प्रत्येक वैवाहिक जोडे को मिलता है।
जिनकी शादियाॅ रिकार्ड में दर्षाकर कराई गई है, वास्तव में उन तक अनुदान की राषि पहॅुची ही नहीं है। रायसेन जिले के पंचायत एंव सामाजिक न्याय विभाग ने षिकायत मिलने पर इस गडबडी की जाॅच कराई, जिसमें फर्जीवाडा उजागर हुआ। प्रथम जांच में आठ फर्जी विवाह प्रकरण सामने आए है जिनमें लाखो रू की राषि का गबन किया गया है। पंचायत एंव सामाजिक न्याय विभाग की उपसंचालक प्रमिला वायंकर के जाॅच प्रतिवेदन पर कलेक्टर रायसेन जेके जैन ने इस फर्जीवाडा में पुलिस में मामला दर्ज कराने के निर्देष दिए जिस पर पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है। थाना प्रभारी एस एस पटैल ने बताया की पुलिस ने आरोपी एनजीओ संचालक अरविन्द गुर्जर एवं अन्य के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने, षासकीय राषि का गबन करने एवं धोखाधडी का मामला दर्ज कर जाॅच शुरू कर दी है।
इस पूरे मामले में यह गौरतलब है कि आरोपी एनजीओ संचालक ने इतना बडा फर्जीवाडा अकेले नहीं किया होगा ? निष्चित तौर पर जिस समय यह गडबडी हुई उस समय के अधिकारी कर्मचारी भी इस घोटाले में शामिल रहे होगें। अनुमान है कि लगभग दस लाख रू का हेरफेर जाॅच में उजागर हो सकता है। नियमानुसार शासन की प्राथमिकता वाली इस योजना में होने वाले विवाहो की पूरी जाॅच पडताल संबंधित विभागो के अधिकारियो एवं कर्मचारियो को करना होती है तथा फर्जी शादियाॅ होना इस बात का प्रमाण है कि इसमें उनकी भी सांठगांठ रही होगी।