ग्वालियर। अन्ना हजारे के आंदोलन से प्रेरित होकर सीबीएसई केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अब अपने स्कूलों में भी स्टूडेंट लोकपाल नियुक्त करेगा।
यह न केवल बच्चों की समस्याओं को बोर्ड तक पहुंचाकर दूर करेगा। बल्कि स्कूल प्रबंधन की हर हरकत पर पेनी नजर रखेगा। इस लोकपाल में स्कूल के किसी शिक्षक और प्राचार्य का कोई दखल नहीं होगा।
सीबीएसई द्वारा चयनित बाहरी सदस्यों की टीम को ही लोकपाल बनाया जायेगा। प्रत्येक शहर में लोकपाल की टीम होगी। शीघ्र ही इसकी गाइड लाइन भी जारी की जायेगी। ट्यूशन, रैगिंग, फीस तथा अन्य शिकायतों को छात्र स्टूडेंट लोकपाल के माध्यम से अपनी बात खुलकर रखपायेंगे। जबरन ट्यूशन के लिये दबाब बनाना, जबरन खर्चा थोपना तथा स्कूल की हर गतिविधि पर लोकपाल की नजर रहेगी।
केन्द्र के खिलाफ मोर्चा खोलेगी भाजपा: नरेन्द्र सिंह तोमर
ग्वालियर। मिशन 2014 लोकसभा चुनाव की तैयार में जुटी भाजपा चुनावी रणनीति के तहत जल्द ही केन्द्र सरकार पर हमला बोलने की तैयार में है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केन्द्र सरकार कई मामलों में म.प्र. के साथ भेदभाव पूर्ण नीति अपना रही है भाजपा इसके विरोध में केन्द्र सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोलेगी। श्री तोमर ने कहा कि लोकसभा चुनाव को देखते हुये, संगठन स्तर पर चुनावी रणनीति तय करने के लिये 6 जनवरी को भोपाल में प्रदेश की कार्य समिति की बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा की जायेगी।
विभिन्न सवालों के जबाब में उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कौन लड़ेगा इसका फैसला एक व्यक्ति नहीं चुनाव समिति करेगी। मिशन 2014 में लक्ष्य 272 सीटों का है, इसमें म.प्र. की 29 सीटें भी शामिल हैं, जिन्हें हमें जीतना हैं, इसके लिये हर लोकसभा क्षेत्र में संसदीय सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे। आप सरकार के बारे में पूंछने पर कहा कि सिर्फ मैट्रो में चलना काफी नहीं महत्वपूर्ण यह है कि उन्होंन दिल्ली की जनता से जो वायदे किये हैं, उन्हें पूरा करने के लिये काम करके दिखायें।
संवेदना जताने पहुंचे: प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर और बाल विकास मंत्री माया सिंह पार्टी नेता उदय अग्रवाल के पिता प्रकाश चंद्र अग्रवाल के निधन पर संवेदना व्यक्त करने निवास पर पहुंचे। परिजनों को सात्वना दी बाद में नेताद्वय भाजपा की जिला उपाध्यक्ष रेखा शेटे के निवास पर पहुंचकर उनके परिजनों को भी सात्वना दी।
चिकित्सकों पर लापरवाही बरतने का आरोप, एसपी को दिया आवेदन
ग्वालियर। ग्वालियर के नर्सिंग होम में डबरा की प्रसूता और उसके नवजात की मौत हो जाने के बाद मरीज के परिजनों ने डाॅक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। क्षेत्र में संचालित निजी क्लिीनिकों और नर्सिंग होमों पर लूट खसोट के साथ मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ भी किया जाने लगा है।
ग्वालियर स्थित डाॅ0 कौल हाॅस्पीटल एवं रिसर्च सेंटर नया बाजार में चिकित्सीय लापरवाही से प्रसूता और नवजात की मौत हो गई। यहां तक कि बिगड़ती हालत को देख संबंधित नर्सिंग होम संचालक और चिकित्सकों ने अपना पल्ला झाड़ते हुये, परिजनों को गुमराह कर मरीज को दूसरे अस्पताल में आखिरी हालात में शिफ्ट करा दिया। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर मृतिका जया सक्सेना के पति गगन सक्सेना ने चिकित्सकों डाॅ0 रत्ना कौल, डाॅ0 सीमा कौल एवं मैस्कोट हाॅस्पीटल डाॅ0 आर सिंह, डाॅ0 एम डूडानी, डाॅ0 शिल्पी ओझा आदि के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की मांग की है एवं न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत नोटिस भी दिया है। परिजनों ने बताया कि शुरूआत से ही ग्वालियर में डाॅ0 कौल का इलाज चल रहा था। परामर्श पर दवाईंयाँ ली गईं जांचें कराई गईं, जिनमें डेढ़ लाख करीब खर्च हुआ है 28 अक्टूबर को तबीयत खराब होने पर जया सक्सेना को परिजन कौल हाॅस्पीटल में लाये जहाँ डाॅ0 रत्ना कौल ने जांच की और नवजात को मृत बताया और चली गईं। करीब 3 घंटे बाद आॅपरेशन किया, जिसमें भी डाॅक्टरों ने लापरवाही बरती। आॅपरेशन कर बच्चा तो निकाल लिया पर पेट से खून निकलता रहा, जिसे डाॅक्टरों द्वारा रोकने पर ध्यान नहीं दिया। इस कारण हालत और बिगड़ गई बाद में डाॅ0 रत्ना और उसके पति ने हम लोगों को गुमराह कर किडनी में खराबी आने की बात कहकर मैस्कोट अस्पताल में स्वयं जाकर भर्ती करा दिया।
पहले खुद और बाद में करो शहर की सुरक्षा: एसपी
ग्वालियर। पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने रात्रि गश्त व्यवस्था में तैनात पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि स्वयं भी सुरक्षित रहें और शहरवासियों को भी सुरक्षा प्रदान करें।
रात्रि में डेढ़ बजे से ढाई बजे तक कई थाना क्षेत्रों में निरीक्षण कर गश्त पर तैनात पुलिस अधिकारियों को सजग रहकर कार्य करने के निर्देश दिये, उन्होंने कहा कि देर रात निकलने वाले प्रत्येक संदेही वाहन को रोका जाये। घटना स्थल पर सिर्फ मोबाइल या चीता को रवाना करने से दायित्व से मुक्त नहीं हो सकते हैं, चीता मोबाइल के साथ अधिकारी भी मौके पर पहुंचें। गश्त पर रवाना किये जाने के बाद जवानों के सीधे संपर्क में रहें, ताकि उनका मनोबल बढ़ा रहे सड़क किनारे खड़े होने वाले वाहन मालिकों को समझाइस देकर घर के अंदर वाहन खड़ा करवायें अथवा चैकीदार तैनात करने को कहें। सर्विस पाॅइंट पर तैनात जवानों, चीता जवानों के नम्बर लेकर थाने से निकलकर लगातार चैक करें। जो पुलिसकर्मी गश्त चैकिंग में मुस्तैद रहेगा तो उसे इनाम भी दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि गाड़ी के कांच बंद कर न बैठें अधिकारी चैक करते रहें। वायरलेस सेट से संपर्क न हो तो मोबाइल फोन के जरिये संपर्क रखें।
रिसर्च के लिये लैब से बाहर भी निकलें: महानिर्देशक
ग्वालियर। डीआरडीई के 50वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को तानसेन रोड़ स्थित मृगनयनी आॅर्डिटोरियम में आयोजित समारोह में महा निर्देशक डाॅ0 मानस के. मंडल ने कहा कि रासायनिक और जैविक हमलों से बचाने के लिये देश के रक्षा अनुसंधान संगठनों ने खास सुरक्षा तंत्र विकसित किया है।
विकसित तंत्र सेना और सुरक्षा बलों और विशेष सुरक्षा एजेंसियों को सौंपा गया है, जैविक हमलों से निपटने में हमारी सेनायें सक्षम हैं। डाॅ0 मंडल के मुताबिक वैश्विक परिदृश्य बदल रहे हैं, खतरे भी नये हैं, लिहाजा बचने के लिये रणनीति में भी बदलाव लाने होंगे। आतंक वादियों के हाथ में जैविक रासायनिक और आणविक हथियार पड़ने की आशंका के मध्य नजर सतर्क रहने के लिये, सचेत किया। उन्होंने कहा कि रक्षा वैज्ञानिकों को अब अपना विजन व मिशन बदलने की जरूरत है, उन्हें अपने रिसर्च की उपयोगिता लैब से बाहर निकलकर समझनी होगी। देश व सैनिकों की रक्षा की जिम्मेदारी रक्षा वैज्ञानिकों पर है।
आमजन को भी हमारे अनुसंधान का लाभ मिल रहा है, लोग सुधार के लिये सुझाव भी दे रहे हैं। ग्वालियर को दुनिया भर में पहचान देने वाली रक्षा अनुसंधान एवं स्थापना डीआरडीई लैब की स्थापना सिंधिया स्टेट में 28 दिसंबर 1947 में हुई थी। उस समय लार्ड माउंटवेटन ने जीवाजी इंड्रस्टीयल रिसर्च लैबोरिटी के रूप में इसकी स्थापना की थी। वर्ष 1963 में इस लैब को रक्षा मंत्रालय के अधीन कर डीआरडीई नाम दिया गया, इस लैब में केंसर पीडि़तों के लिये टू-डियोक्सी ग्लूकोज दवा बनाई, जहाजों के लिये एसआरआईपी बनाया गया। जहर के असर को खत्म करने के लिये लैब ने एंटीडोज टू-पाम पर भी अनुसंधान किया। मलेरिया व चिकनगुनिया की दवा भी इसी लैब में बनाई तथा हाइड्रोजन साइनाइड के असर को समाप्त करने वाली दवा भी बनाई। डीआरडीई के निर्देशक डाॅ0 एमपी कौशिक ने संस्था की उपलब्धियों की जानकारी दी, उन्होंने कहा कि हमारी लैब ने ओपीसीडब्ल्यू से मिली मान्यता को बनाये रखा है। वायोडाइजेस्टर अब नेशनल कार्यक्रम बन गया है, सेना की पंडुब्बी के लिये स्वदेशी फिल्टर तथा साढ़े छः लाख सैनिकों के लिये, मार्क-5 एनबीसी सूट भी लैब में बनाये गये हैं समारोह में साइंटिस्ट आॅफ द ईयर का पुरस्कार वैज्ञानिक शैलेन्द्र वर्मा व बीएन आचार्य को दिया गया। एडमिन श्रेणी में केके सोनी तकनीकी क्षेत्र में एसएल तोमर तथा अन्य संस्थान के कर्मचारियों को बेहतर कार्य के लिये पुरस्कृत किया गया।
में यहां का चैकीदार हूं, जनता को हाथ भी लगाया तो कंधे नहीं रहेंगे: डाॅ0 मिश्रा
ग्वालियर। दतिया विधायक कैबिनेट स्वास्थ्य मंत्री डाॅ0 नरोत्तम मिश्रा ने स्वागत भाषण में हूंकार भरते हुये कहा कि मैं इस शहर का चैकीदार हूं अगर किसी गुंडे या बदमाश ने दतिया शहर में दादागिरी करने की कोशिश की तो उसे नाप दिया जायेगा। या किसी ने यहां की जनता को हाथ भी लगाया तो उसके कंधे भी नहीं रहेंगे। नगर और क्षेत्र में शांति रहे यह मेरी जिम्मेदारी है। पिछले 5 वर्ष में जो दतिया का विकास हुआ है वह अभी तक नहीं हुआ। विकसित जिलों में दतिया का नाम लिया जाये इसके लिये में दृड़ संकल्पित हूं। उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुये कहा कि उनके विरोध के बाद भी जनता ने सहयोग देकर जीत दिलाई है। मुझ पर शहर की जनता का कर्ज है, में विकास की गंगा को यूं हीं बहाता रहूंगा।
वायपास का काम न होने से लौंटी राशि
डबरा। डबरागांव से निकली जेल रोड़ वायपास के निर्माण के लिये स्वीकृत करीब 23 लाख निर्माण एजेंसी द्वारा समयसीमा में कार्य पूरा न किये जाने के कारण राशि संबंधित विभाग को लौट गई। नगर में बढ़ते यातायात दबाब के चलते और आयेदिन होने वाली दुर्घटनाओं तथा जाम को देखते हुए वर्ष 2008 में जेल रोड़ से वायपास निर्माण के लिये, जेल विभाग से 23 लाख रूपये स्वीकृत हुये थे, लेकिन समयसीमा में कार्य निर्माण एजेंसी द्वारा न किये जाने पर यह निर्माण कार्य खटाई में पड़ गया है। इस संबंध में हालांकि प्रशासन द्वारा भी प्रयास जारी हैं तथा मंडी प्रशासन द्वारा भी इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेज दिया। वायपास चालू होने से नगर के मुख्यमार्ग से भारी वाहनों का निकलना कम हो जायेगा। जिससे नगर की यातायात व्यवस्था के साथ-साथ दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। एसडीएम अनुराग चैधरी ने पत्रकारों को बताया कि वायपास के मामले प्रस्ताव तैयार है, इस संबंध में भोपाल में हाने वाली आगामी बैठक में कलेक्टर के साथ सीएम के समक्ष इस बात को रखा जायेगा। निश्चित ही वायपास निर्माण की स्वीकृति मिल जायेगी।
237 जिंदगियां लील गईं शहर की सड़कें
ग्वालियर। सड़क दुर्घटनाओं में तकनीकी खराबी, गड्डे, तेजगति वाहनों पर हैड लाइट आधे पर काला रंग पुता न होना, हैलमेट का न लगाना, सड़कों की सही इंजीनियरिंग न होने से इस वर्ष 237 लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है, कई लोग अंगभंग, घायल होकर अस्पताल और घरों में इलाज करा रहे हैं, इस साल करीब 1885 दुर्घटनायें हुईं, जिसमें करीब 1388 लोग घायल हुये। सबसे ज्यादा मौत हाइवे पर दुर्घटना में हुई। इस वर्ष मृत्यु का आंकड़ा पिछले वर्ष से बढ़ा है। यातायात के मापदंडों के विपरीत बनाये गये मार्ग भी दुर्घटना का मुख्य कारण हैं यातायात पुलिस द्वारा दी गई छात्रों एवं नागरिकों को सीख भी काम नहीं आई। तेजगति वाहन दुर्घटनाओं का अहम कारण हैं, इस तरह के वाहनों के लिये नगर की सड़कें उपयुक्त नहीं हैं, कई लोगों में ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूकता और जानकारी का अभाव है। साथ ही रात्रि में वाहनों की चकाचैंध लाइट, हैडलाइट आधी काली पुती न होना, आबारा वाहनों का सड़कों पर बैठना, राजमार्ग झांसी ग्वालियर की ठेकेदार एवं अधिकारियों की लड़ाई से दो साल से हालत खराब होना, फलस्वरूप दुर्घटनायें होना प्रमुख कारण रहा। हालांकि पुलिस प्रशासन के लोग समय-समय पर इन कमियों को दूर करने के लिये कार्यवाही करते हैं, लेकिन फिर भी इतने घरों में तो अंधेरा हो ही गया।
मदाखलतकर्मी और दुकानदार में विवाद: काला दिवस मनायेंगे
ग्वालियर। महाराज बाड़ा क्षेत्र में अपने परिवार को पालने के लिये झोले में सामान बेच रहे, गरीब छोटे दुकानदार राजू मिश्रा, इस्लाम खांन उसकी पत्नी रजिया का सामान जब निगमकर्मी भरने लगे तो विवाद हो गया। आरोप है कि मदाखलतकर्मी मंगल और विशाल के साथ तीनों ने सामान उठाने पर मारपीट की है, पुलिस में रिपोर्ट होने पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया। इसके विरोध में पार्षद भगवानदास सेनी व सीटू के राज्य सचिव तथा अन्य कार्यकर्ता कोतवाली पहुंचे और धरने पर बैठ गये। उनका कहना था कि कारोबारी थैले में सामान मालनपुर ले जा रहा था। सीटू के राज्य सचिव अखिलेश यादव का कहना था कि पुलिस की गलत कार्यवाही के विरोध में कोतवाली थाने का घेराव करेंगे। इनका यह भी कहना है कि राजू मिश्रा शिकायत करने थाने गया था। वहां पुलिस ने उल्टा फरियादी पर ही मामला दर्ज कर लिया। उच्च अधिकारियों से पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है, इस घटना के विरोध में सीटू ने नई सड़क स्थित कार्यालय पर पत्रकारवार्ता में बताया कि एक जनवरी को फुटपाथी दुकानदारों के साथ हुये अन्याय के विरोध में काला दिवस महाराज बाड़े पर धरना देकर मनायेंगे। राज्य सचिव अखिलेश यादव व पार्षद भगवानदास सेनी, मेघराज, राजू मिश्रा, नरेश कुशवाह आदि का कहना है कि दुकानदारों को नगर निगम पहले लायसेंस देता है, परिचय पत्र बनाता है उसके बाद बगैर सूचना के हटाता है। नगर निगम की परिषद की बैठक में भी मामला उठाया जायेगा।
बीच रास्ते में उतारते हैं सवारी और सामान
डबरा। नगर के मुख्य मार्ग पर तथा रेलवे ओवर ब्रिज पर कुछ बस चालक व ट्रक चालक तथा टेªक्टर ट्राॅली चालक खड़े होकर रास्ता जाम कर सवारी और सामान उतारते हैं, जिससे कई बार जाम लग जाता है, कुछ वाहन चालक तो रेलवे ओवर ब्रिज पर वाहन पार्क कर खरीदारी करने चले जाते हैं, जिससे कई बार दुर्घटनायें होते-होते बची हैं, वाहनों के सड़क पर खड़े होकर सवारी एवं सामान उतारने से यातायात प्रभावित होता है, जिससे राहगीरों को परेशानी होती है। यातायात पुलिसकर्मी चैराहों के बजाय इधर-उधर घूमते नजर आते हैं।
हाइटेंशन लाइनों के नीचे नही हैं गार्डनिंग
डबरा। नगर के मुख्य मार्ग और गलियों में लगे बिजली के हाइटेंशन के तारों के नीचे गार्डनिंग अधिकारियों की लापरवाही से नहीं की जाती। ऐसे में तार टूटने पर कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है, पूर्व में हाईटेंशन तारों से टकराकर कई हादसे हो चुके हैं, नियमानुसार हाईटेंशन तार के नीचे लोहे की तार की गार्डनिंग कराई जाती है ताकि तार टूटने पर सीधे नीचे न आये और जन हानि न हो नगर में सुभाषगंज, जंगीपुरा, शिक्षक काॅलौनी, जवाहरगंज, ठाकुर बाबा रोड़ आदि प्रमुख भीड़भाड़ वाले मार्गों पर गार्डनिंग नही हैं।