रीवा कलेक्टर एम गीता के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं ?

भोपाल। वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव की तैयारियों और व्यवस्थाओं पर चुनाव आयोग की तय सीमा से अधिक खर्च के मामले में तत्कालीन कलेक्टर एम. गीता को दोषी करार दिया गया।

 निर्धारित सीमा से 137 प्रतिशत अधिक राशि खर्च करने के इस मामले की स्पेशल आडिट रिपोर्ट में गंभीर टिप्पणियों के साथ कार्यवाही करने की सिफारिश की गई है। सूचना के अधिकार से सामने आई जानकारी में इसका खुलासा हुआ है।

इस रिपोर्ट का खुलासा करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने तत्कालीन रीवा कलेक्टर गीता के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। दुबे ने अपने पत्र में कहा है कि स्पेशल आडिट में गंभीर आपत्ति उजागर होने और कार्रवाई की सिफारिश के बाद भी प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने मई 2012 से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। आरटीआई कार्यकर्ता ने स्पेशल आडिट रिपोर्ट के साथ इस मामले की शिकायत मुख्य चुनाव आयुक्त से करते हुए गीता पर कार्रवाई के लिए लिखा है।

दुबे ने इस मामले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय पर पक्षपात के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आडिट रिपोर्ट में साफ-साफ अत्यधिक व्यय के लिए तत्कालीन कलेक्टर को दोषी माना गया है और कार्रवाई की सिफारिश भी गई लेकिन इसके बाद पिछले डेढ़ साल से इस रिपोर्ट को दबाया जा रहा है। चुनाव के दौरान टेंट, लाइट, माइक आदि व्यवस्थाओं पर अत्याधिक व्यय किया जाना सामने आया है।

इनमें कई आयटमों के बिलों नहीं हैं तो कहीं- कहीं सीमा के अधिक खर्च किया गया है। दुबे ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का है। भले ही इसमें मामले में कुछ लाख रुपए ही अधिक खर्च किए गए हैं लेकिन गड़बड़ी साबित होने के बाद कार्रवाई की जानी चाहिए।


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