उपदेश अवस्थी/भोपाल। भाजपा की ड्रायवर संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहूमत ना मिल पाने की स्थिति में प्लान बी तैयार किया है जिसमें मोदी के खारिज हो जाने के बाद शिवराज सिंह को पेश किया जाएगा, ताकि गठबंधन बना रहे।
भोपाल समाचार के पास उपलब्ध पुख्ता खबर के अनुसार संघ के आदेश पर भारतीय जनता पार्टी ने विगत माहों में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेन्द्र मोदी का उम्मीदवार घोषित कर सारे देश में रेैलियां तथा सभायें कराकर उन्हें राष्ट्रीय नेता के रूप में स्थापित कराने का प्रथम चरण लगभग पूर्ण कर लिया है। नरेन्द्र मोदी के पक्ष में सारे देश में बेहतर वातारण भी बना है।
परंतु संघ अभी भी पूर्ण बहुमत के लिए आश्वस्त नहीं है। हाल ही में संघ के आंतरिक सर्वे, के बाद सारे देश में भाजपा को 180 से 190 सीटें ही मिलने की बात सामने आई है। अभी 5 माह लोकसभा चुनाव के लिए शेष है और हालात बदलने की संभावना है परंतु यदि स्पीड यही रही तो स्पष्ट बहुमत के लिए 272 सीेंटे पाना भाजपा के लिए असंभव दिख रहा है।
1996 तथा 1997 में भाजपा को जब सबसे बड़ी पार्टी होने पर सरकार बनाने का अवसर मिला इस समय सहयोगी दलों ने लालकृष्ण आडवाणी को स्वीकार नहीं किया था। तब संघ और भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री बनाने पर सहमत होना पड़ा था।
2004 में जब सोनिया गांधी के नेता पद पर चयन हो जाने के बाद हुए विरोध में सोनिया गांधी ने स्वयं प्रधानमंत्री पद ना लेकर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी थी।
इन स्थितियों को स्थान में रखते हुए संघ परिवार ने प्लान बी में लालकृष्ण को फिट कर दिया है। विगत दिनों संघ प्रमुख द्वारा आडवाणी को भाजपा में शलाखा प्रमुख बताकर उनको स्थापित करना तथा लालकृष्ण आडवाणी द्वारा गांधी नगर गुजरात से चुनाव लडने की घोषणा कर दी है।
अब यदि आडवाणी के नाम पर मोदी समर्थक नेताओं ने विवाद पैदा किया या सहमति नहीं बनी, जैसी की उम्मीद भी है तो राजनाथ सिंह या शिवराज सिंह चौहान का नाम आगे बढ़ाया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दीं गईं हैं और शिवराज सिंह चौहान को देश भर में दौरे करने व उन्हें बीजेपी के नेशनल फोल्डर में फिट करने की रणनीति बनाई जा रही है।