भोपाल। पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जीरो टालरेंस भ्रष्टाचार मिशन नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद फेल हो गया। मुख्यमंत्री की कथनी-करनी के इस अंतर के कारण 23 मंत्रियों में सात मंत्री दागी है। इसके साथ ही मंत्रिमंडल का गठन क्षेत्रीय दृष्टि से असंतुलित है, और कई वर्गों को इसमें उपेक्षित किया गया है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शपथ लेने के बाद जीरो टालरेंस भ्रष्टाचार की बात कही थी। उनका यह मिशन मंत्रिमंडल के गठन के बाद उजागर हो गया। तीसरी बार फिर उनकी कथनी-करनी में अंतर दिखाई देने लगा।
श्री सिंह ने कहा कि जिन सात मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया उनमें से चार मंत्रियों के खिलाफ लोकायुक्त में मामला दर्ज है। एक मंत्री के खिलाफ लोकायुक्त में पुलिस भर्ती में भ्रष्टाचार की जांच लंबित है। श्री सिंह ने कहा कि मामलों के साथ ही खनिज घोटाले एवं रिश्वर लेने के आरोपी भी मंत्री बनाए गए है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार मिटाने और खत्म करने की मुख्यमंत्री की मंशा कितनी ईमानदार है इसकी कलई खुल गई है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में जहां महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया, वहीं शोषित वर्ग की जीतकर आई महिलाओं को उपेक्षित किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर सामंतवादी होने का आरोप लगाने वाली भाजपा ने अपने मंत्रिमंडल में जिसमें महिलाओं को शामिल किया है वे राज घराने की है। इसके साथ ही ऐसे मंत्री को मंत्रिमंडल में शामिल किया जिसने महिलाओं को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया है।
मुख्यमंत्री के कथनी-करनी का यह भी एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग के साथ ही मालवा और पश्चिम निमाड़ क्षेत्रों की घोर उपेक्षा की गई है। रायसेन जिले से जहां तीन मंत्रियों ने शपथ ली वहीं मालवा और पश्चिम निमाड़ क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। श्री सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल के गठन में मिले जनादेश का सम्मान नहीं किया है।