भोपाल के बाजार में खप चुका है पा​किस्तानी नकली नोटों का जखीरा

भोपाल। झीलों की नगरी को किसी की नजर लग गई है, नकली पासपोर्ट से लेकर अंडरवर्ड संबंधों के तार राजधानी से उजागर हो चुके हैं। यह सिमी जैसे आतंकी संगठनों के ठिकानों से लेकर जम्मू कश्मीर के आतंकी भी इस शहर को अपनी पनाहगार बना चुके हैं।

नकली नोटों के सौदागरों के दो गिरोह पकड़े जाने के बाद अब यह शहर एक बार फिर चर्चाओं में है। वहीं हर साल आरबीआई और सभी राष्ट्रीकृत बैंकों क्षेत्रीय कार्यालय एमपीनगर थाने में लाखों रुपए के नकली नोट जमा कराए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के अरेरा हिल्स स्थित बैंक मैनेजर वीर सिंह रावत ने बैंक की अलग-अलग शाखाओं में नकली नोट जमा कराए जाने की शिकायत एमपी नगर थाने में की थी। इन नोटों को बैंक के अधिकारियों ने क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करने के बाद जांच के दौरान पकड़ा। इसके बाद सूचना पुलिस को दी गई।

ये नकली नोटों की रकम करीब 12 हजार 800 रुपए बताई गई है। इस करंसी को पुलिस ने जब्त कर लिया है। इसमें एक हजार का एक नकली नोट , पांच सौ के 22 नकली नोट , सौ के 8 नकली नोट मिले हैं। पुलिस ने इसके बाद इस नकली नोट गिरोह के लोगों की तलाश में जुट गई है।

सालों से जमा हो रहे हैं नकली नोट

एमपी नगर पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि एमपी नगर थाने में हर साल लाखों रुपए के नकली नोट अलग अलग बैंकों द्वारा जमा कराए जाते हैं। राजधानी का यहां अकेला ऐसा थाना हैं जहां हर साल नकली नोटों के कारोबार संबंधित मामले में प्रकरण दर्ज होते हैं। जिनकी संख्या में आधा दर्जन से अधिक ही रहती है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई आरोपी पकड़ में नहीं सका है।

आरोपियों ने कबूला- कई दिन से थे सक्रिय

2 दिसंबर को ग्राम बावला कमलपुर पश्चिम बंगाल निवासी 32 वर्षीय रिंटू मोमिन और उसका साथी ग्राम बावला कमलपुर पश्चिम बंगाल 48 वर्षीय मुर्शीद मोमिन चौक बाजार कोतवाली इलाके के चौक बाजार में एक हजार और पांच सौ रुपए नकली नोट लेकर दुकानों से सामान खरीद रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर उनके पास से एक हजार एवं पांच सौ के नकली नोट करीब 1 लाख 90 हजार के बरामद हुए। उसके साथी मुर्शीद मोमिन से 1 लाख 22 हजार 500 सौ के नकली नोट बरामद किए। कुल तीन लाख के करीब नकली नोट बरामद किए थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि रिंटू मोमिन भोपाल में अभी तक छह लाख के नकली नोट खपा चुका था। वह पकड़े जाने से पूर्व तीन वार भोपाल आ चुका था, लेकिन पुलिस की इंटेलीजेंस को इसकी भनक तक नहीं लग पाई थी। पुलिस रिमांड पर उसने कबूल किया कि वह तीन फेस में भोपाल आया था। जहां वह सबसे पहले जून ,अक्टूबर और फिर अब नवंबर में आ चुके थे। वहीं सितंबर में नकली नोटों की खेप पकड़ी गई थी। इस मामले में पुलिस ने राकेश वामन और स्वतंत्र जैन नाम के दो लोगों को गिरμतार किया गया था। उन्होने कबूल किया था कि वे काफी समय से राजधानी और उसके आसपास के इलाके में नकली नोटों खपा रहे हैं।

पड़ोसी देशों से आ रहे हैं नकली नोट

देश के पड़ोसी देशों से नकली नोटों की खेप भारत में अलग-अलग देशों से भेजी जा रही है। इनमें पाकिस्तान, अफगनिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल के रास्ते यह नोट भारत भेजे जा रहे हैं। खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि दिल्ली, बिहार और पश्चिम बंगाल इसकी मंडी बनाते जा रहे हैं। भोपाल में यहां नकली नोट नेपाल के रास्ते बिहार और बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल से आ रहे हैं। इस गिरोह का अभी तक भोपाल को कोई कारिंदा इसमें गिरफ्तार नहीं हुआ है, लेकिन पुलिस ने इसमें शामिल होने से इंकार नहीं किया हैं, क्योंकि रजिया सुल्तान नाम की एक महिला, जिसमें नाम पर पूर्व में पश्चिम बंगाल के गिरोह ने सिम खरीदी थी। उसका अभी तक कोई साथी गिरफ्तार नहीं हो पाया है।

पहचान मुश्किल

राजधानी में चलाए जा रहे नकली नोटों के कारोबार में इतनी सफाई बरती जाती है कि नकली नोटों को पकड़ा नहीं जा सकता है। इनके नकली नोटों को असली नोटों के सामने रखकर ऐसा लगता है कि असली नोट रखे हुए हैं। इनको हमेशा बैंकों के मुख्यालय में मशीनी जांच में पकड़ा जाता है।


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