इंदौर। जनपद पंचायत इंदौर में पदस्थ 25 वर्षीय सबइंजीनियर युवती ने सहायक विस्तार अधिकारी सुधांशु जटाले पर साथ में दौरा करने के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। अफसर चारित्रिक लांछन लगाकर गलत शब्दों में बात करता है।
सबइंजीनियर ने मुख्यमंत्री आवास मिशन के तहत भारी गड़बड़ी उजागर की है। इस रिपोर्ट को दबाने के लिए भी उसे तंग किया जा रहा है। युवती का कहना है नोडल ऑफिसर सरस्वती चाकरे भी जटाले का पक्ष लेती हैं। गत 5 दिसंबर को जिला पंचायत सीईओ आशीषसिंह से शिकायत की थी। सिंह ने ध्यान नहीं दिया इसलिए कलेक्टर, कमिश्नर से न्याय की गुहार की है। कलेक्टर ने मामले को गंभीर बताते हुए महिला कमेटी से जांच कराने की बात कही है।
बकौल युवती जटाले उसे अपने साथ दौरे पर जाने के लिए बार-बार कहता है। चाकरे भी कहती हैं कि अकेली मत जाया करो। जटाले को साथ में लेकर जाया करो। सबइंजीनियर ने इनकार किया तो उससे कहा जाता है कि तुम गलत काम में लिप्त हो। किसी और के फेर में हो। वह जब प्रतिकार करती है तो उससे कहा जाता है कि उसके चक्कर के बारे में पता है।
तीन महीने से वेतन भी नहीं
सबइंजीनियर को तीन महीने से वेतन भी जारी नहीं किया है। अपनी जेब से पैसा लगाकर ही वह इंदौर, सांवेर जनपद के गांवों का दौरा कर रही है, जबकि वेतन देने की अनुशंसा जनपद सीईओ पहले कर चुके हैं।
ऐसे सामने लाईं फर्जीवाड़ा
युवती की नौकरी संविदा आधार पर लगी है। मुख्यमंत्री आवास मिशन के तहत उसे इंदौर और सांवेर जनपद पंचायत में योजना का लाभ लेने वालों का सर्वे करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उसने जब ग्राउंड रिपोर्ट बनाई तो पता चला जिन लोगों के नाम पैसे बांटे जा चुके हैं उन्हें खबर ही नहीं है। मकान भी नहीं बने हैं।
- बड़ा बांगड़दा निवासी गोमा पिता हीरालाल को इंदौर जनपद से 30 हजार रुपए जारी होना बताया गया है। सबइंजीनियर ने पासबुक की जांच की तो पैसे जमा नहीं हुए। गोमा ने भी पैसे नहीं मिलने की बात कही।
- बड़ा बांगड़दा के ही कनीराम हीरालाल, रमेश पिता हीरालाल को भी 30- 30 हजार रुपए जारी होने का उल्लेख है, लेकिन पासबुक में एंट्री नहीं है। इन्हें भी पैसे जारी होने की खबर तक नहीं है। योजना की जानकारी भी नहीं है।
- जम्बूड़ी हप्सी निवासी शंकरलाल पिता किशनलाल से सहायक विस्तार अधिकारी जटाले ने सारी खानापूर्ति करवा ली, लेकिन पैसे शंकरलाल को नहीं मिले।
-युवती ने सांवेर तहसील के ग्राम बुढ़ानिया, सोनगिर गांव की भी रिपोर्ट बनाई। इसमें लिखा कि लोगों को 50 से 30 हजार रुपए तक बांटे गए हैं। बैंक से पैसा निकल भी गया, लेकिन आवास नहीं बने। यहां के सरपंच भी स्वीकारते हैं कि पहाड़ी क्षेत्र के कारण माल नहीं पहुंच पाता। हितग्राहियों से मिलवाने में भी आनाकानी करते हैं।
मामला गंभीर, महिला कमेटी जांच करेगी
कलेक्टर आकाश त्रिपाठी के मुताबिक उपयंत्री ने जो आरोप लगाए हैं, वे गंभीर हैं। इसकी जांच महिला अधिकारियों की कमेटी बनाकर कराई जाएगी। इस तरह कोई अधिकारी दौरे के लिए दबाव नहीं बना सकता।
जटाले पर पहले भी आरोप लगे
जटाले के खिलाफ महिलाकर्मी को परेशान करने का पहला मामला नहीं है। कुछ समय पहले जनपद की एक अन्य महिलाकर्मी ने भी उस पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया था। तब भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।