भोपाल. व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित संविदा शिक्षक वर्ग दो और तीन की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज किए हैं। शर्मा के पास तकनीकी शिक्षा विभाग भी था, जिसके अधीन व्यापमं काम करता है।
केस दर्ज करने के बाद अब एसटीएफ उनसे पूछताछ करेगी। शर्मा के साथ ही राजभवन के ओएसडी धनराज यादव भी इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ की ओर से व्यापमं परीक्षा में हुई गड़बड़ी में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं। दोनों ही मामलों में तत्कालीन मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा नामजद आरोपी हैं। व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा, सीनियर सिस्टम एनालिस्ट अजय सेन, असिस्टेंट प्रोग्रामर चंद्रकांत मिश्रा, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी ओपी शुक्ला के साथ ही 130 परीक्षार्थियों को भी आरोपी बनाया गया है। एसटीएफ की ओर से राजधानी के सीजेएम पंकज सिंह माहेश्वरी की अदालत में इस एफआईआर की एक प्रति सूचनार्थ
पेश की गई है। एसटीएफ द्वारा 7 दिसंबर को दर्ज की गई पहली एफआईआर में 43 और 9 दिसंबर को दर्ज एफआईआर में 87 लोगों को आरोपी बनाया गया है। संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का खुलासा व्यापमं के प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क की जांच के दौरान हुआ।
एसटीएफ ने पीएमटी-2013 में हुई गड़बड़ी के बाद महिंद्रा के कंप्यूटर की हार्ड डिस्क जब्त की थी। जिसे जांच के लिए गुजरात की सीएफएसएल लैब में भेजा गया था। वहां हार्ड डिस्क से डाटा रिकवर किया गया। रिकवर डाटा में संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हुए परीक्षार्थियों के रोल नंबर थे, जिन्हें सांठगांठ करके पास किया गया था। डाटा में परीक्षार्थियों को पास कराने की सिफारिश करने वालों के नामों का भी उल्लेख है। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि हार्ड डिस्क से रिकवर डाटा और पुलिस रिमांड पर चल रहे व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी और प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा के बयानों में लक्ष्मीकांत शर्मा समेत अन्य अफसरों के नाम आने के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। व्यापमं की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी के मामले में एसटीएफ अब तक 11 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। एसटीएफ ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, आईटी एक्ट की धारा 65 और 66 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। ये धाराएं धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी और कूटरचना, आपराधिक षड़यंत्र में मिलीभगत और कंप्यूटर के दस्तावेजों में छेड़छाड़ के आरोप में लगाई गई हैं।
कौन है धनराज यादव?
धनराज यादव राज्यपाल के ओएसडी हैं और उत्तरप्रदेश सरकार की सेवा से वर्ष 2008 में सेक्शन ऑफिसर के पद से रिटायर्ड हुए हैं। सितंबर 2011 से वह राज्यपाल के ओएसडी हैं। राज्यपाल उन्हें उत्तरप्रदेश से ही अपने साथ लेकर आए हैं। एफआईआर में नाम होने के बारे में पूछे जाने पर श्री यादव ने कहा- मेरा व्यापमं की परीक्षाओं में गड़बड़ी से कोई लेना देना नहीं है। ये भी नहीं पता कि मेरा नाम क्यों लिया जा रहा है। ये सही है कि हमारे पास मदद के लिए कई लोग आते हैं लेकिन जहां तक मुझे याद है, मैंने किसी को पास कराने के लिए भी कभी कोई अनुशंसा नहीं की।
त्रिवेदी और महिंद्रा ने बताया- मंत्री के यहां से नाम आते थे, पैसे नहीं
एसटीएफ ने विधानसभा चुनाव की मतगणना के एक दिन पूर्व यानी 7 दिसंबर को और एक दिन बाद यानी 9 दिसंबर को दो एफआईआर दर्ज की। इनमें व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी और प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा के बयानों का जिक्र करते हुए लिखा है कि इन दोनों ने तत्कालीन मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा द्वारा दिए गए रोल नंबर वाले छात्रों को पास कराया था। एफआईआर में स्पष्ट रूप से लिखा है कि त्रिवेदी और महिंद्रा ने पूछताछ में बताया है कि मंत्री द्वारा जिन उम्मीदवारों के नामों की सूची दी जाती थी, उनकी राशि इन्हें नहीं मिलती थी। मंत्री प्रभावी लोगों को उपकृत करने के लिए उनके द्वारा दिए गए रोल नंबर देते थे। ऐसे उम्मीदवारों से पास कराने के लिए ली गई राशि प्रभावी व्यक्ति अपने पास ही रख लेते थे।
जांच चल रही है, साक्ष्य जुटा रहे हैं : एडीजी
एसटीएफ के एडीजी सुधीर शाही से बातचीत-
व्यापमं परीक्षाओं की गड़बड़ी में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा सहित कई प्रभावशाली लोगों के नाम आए हैं?
-इन्वेस्टिगेशन चल रही है, आगे सब कुछ साफ हो जाएगा।
पूर्व मंत्री का नाम एफआईआर में है तो फिर गिरफ्तारी कब तक होगी?
-साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं, जिस-जिसके खिलाफ साक्ष्य मिलेंगे, गिरफ्तारी होगी।
फर्जीवाड़े में शर्मा की क्या भूमिका रही है?
-जांच के बाद ही भूमिका स्पष्ट हो पाएगी।
इस बार चुनाव हार गए शर्मा
विदिशा जिले की सिरोंज सीट से लक्ष्मीकांत शर्मा चार बार विधायक रहे हैं। वे वर्ष 2003 से ही मंत्रिमंडल के सदस्य थे। भाजपा ने इस बार भी उन्हें सिरोंज से टिकट दिया था लेकिन वे चुनाव हार गए। आठ दिसंबर को मतगणना के बाद शर्मा कार्यकर्ताओं के साथ विदिशा से गृहनगर सिरोंज पहुंचे थे। अगले दिन 9 दिसंबर को दिनभर उन्होंने घर पर ही कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसी रात वे भोपाल रवाना हुए। इसके बाद से ही शर्मा सिरोंज नहीं पहुंचे और न ही भोपाल में हैं। उनसे मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
सुधीर शर्मा से भी रिश्ते : पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के खनन कारोबारी सुधीर शर्मा से नजदीकी रिश्ते हैं। शर्मा खनिज मंत्री भी रह चुके हैं। सुधीर शर्मा भी व्यापमं की परीक्षाओं में गड़बड़ियों के मामले में आरोपी हैं। एसटीएफ उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर चुकी है। शर्मा के ओएसडी ओपी शुक्ला की भी एसटीएफ को तलाश है। उनके नीलबड़ स्थित मकान पर एसटीएफ की टीम तलाशी ले चुकी है लेकिन वे नहीं मिले।