साउथ अफ्रीका को दी मध्यप्रदेश की बीड ज्वैलरी ने मात

भोपाल। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित 'कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह' में नीमच, मध्यप्रदेश की बीड़ ज्वैलरी ने धूम मचा दी है। लोग उसे देख हतप्रभ रह गए हैं। हरियाण की मीडिया में मध्यप्रदेश की बीड ज्वैलरी लगातार सुर्खियां बटोर रहीं हैं।

हरियाणा के अखबारों में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार:-

साउथ अफ्रीका के शीशे के बड़े मोतियों से बनी ज्वैलरी का पूरी दूनिया में नाम है, लेकिन उसे बीड ज्वैलरी बनाने में मध्यप्रदेश के नीमच शहर के शिल्पकारों ने मात दे दी है।

मध्यप्रदेश की शिल्पकार पुष्पा हरित ने छोटे शीशे के मोतियों से ज्वैलरी बनाकर न केवल पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया है।

इसी कारण उन्हें भारत सरकार की तरफ से राष्ट्रीय अवार्ड भी दिया गया। अहम पहलू यह है कि बीड़ ज्वैलरी में भारत के शीशे के मोतियों का प्रयोग नहीं किया जाता। इस ज्वैलरी को तैयार करने के लिए चेक रिपब्लिक से छोटे मोतियों को आयात किया जाता है।


राष्ट्रीय अवार्ड विजेता पुष्पा हरित पहली बार कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह में बीड़ ज्वैलरी को लेकर आई हैं। उन्होंने आज यहां क्राफ्ट मेले में विशेष बातचीत करते हुए बताया कि बीड़ ज्वैलरी बनाने का कार्य पहले साउथ अफ्रीका में ही किया जाता था।

परंतु अब साउथ अफ्रीका के बाद भारतवर्ष में भी बीड़ ज्वैलरी बनाने का काम केवल मध्यप्रदेश के निमांच शहर में ही किया जाता है। उन्होंने बताया कि बीड ज्वैलरी को तैयार करने के लिए चेक रिपब्लिक से छोटे शीशे के मोतियों का आयात किया जाता है।

इन विशेष प्रकार के छोटे मोतियों से गले का हार, कानों में डालने के लिए बालियां, झुमके, कंगन, चूड़ियां और अन्य प्रकार की विभिन्न डिजाइनों में ज्वैलरी तैयार की जाती है। इस ज्वैलरी के पहनने से न तो कोई चमड़ी रोग होता है और न ही यह ज्वैलरी सहजता से खराब होती है।

उन्होंने बताया कि आम व्यक्ति भी इस ज्वैलरी को खरीदने में समर्थ है। ज्वैलरी की कीमत महज 50 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक होती है। पिछले 10 साल से वे बीड़ ज्वैलरी बनाने का काम कर रही हैं। देश के हर कोने में बीड़ ज्वैलरी को पसंद किया जा रहा है।

उन्हें कुरुक्षेत्र उत्सव गीता जयंती समारोह में उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला की तरफ से विशेष निमंत्रण पर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि बीड ज्वैलरी को भारत सरकार और मध्यप्रदेश सरकार ने भी विशेष तवज्जो दिया है। ज्वैलरी को पूरे राष्ट्र में पसंद करने पर वर्ष 2007 में राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया। इससे पहले वर्ष 2003-04 और 2004-05 में स्टेट अवार्ड तथा कलानिधि अवार्ड से उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।

उन्होंने इस उत्सव अच्छे इंतजाम करने पर उपायुक्त निखिल गजराज व तमाम अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है। 

World famous Beed jewellary stall in Kurukhestra Jayanti

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