नए नियम स्वीकार: जितना बड़ा अफसर, उतनी लक्झरी कार

भोपाल। सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों के लिए किराए पर लिए जाने वाले वाहनों को लेकर सरकार ने नए नियम बनाए हैं। अब अफसरों को उनके हैसियत यानी पद और वेतनमान के हिसाब से अलग- अलग श्रेणियों के वाहन दिए जाएंगे।

राज्य शासन ने विभिन्न विभाग कार्यालयों द्वारा वाहन किराये पर लिये जाने संबंधी मार्गदर्शी निर्देशों को अधिक व्यावहारिक स्वरूप देने के लिये उनमें संशोधन किये हैं। वाहन किराये पर लेने की स्वीकृति पूर्वानुसार वित्त विभाग द्वारा दी जाएगी।

वाहन किराये पर लेने की व्यवस्था संबंधित विभागाध्यक्ष की सहमति से जिला कार्यालय प्रमुख द्वारा की जा सकेगी। जिन अधिकारियों के लिये वाहन किराये पर लिये जा रहे हैं, उनके मूल पद के ग्रेड वेतन के आधार पर वाहन किराये पर लिये जाने के लिये पुनरीक्षित मापदंड निर्धारित किये गये हैं। 

इनके अनुसार मूल पद के ग्रेड वेतन 7600 तक के अधिकारी के लिये वाहन की अधिकतम लागत सीमा रुपये 5.50 लाख, 8700 एवं 8900 के लिये रूपये 6.50 लाख तथा 10 हजार एवं एचएजी वेतनमान वाले अधिकारियों के लिये वाहन की अधिकतम लागत सीमा रुपये 7.50 लाख निर्धारित की गई है। पुनरीक्षित सीमाएं वर्तमान संविदा अवधि समाप्ति के बाद ही प्रभावी होंगी।


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