नीमच। रविवार को मतगणना के बाद आए परिणामों के बाद जिले के राजनीतिक भविष्य को लेकर कई तरह के प्रश्न खडे हो रहे हैं। कांग्रेस में पिछले पांच वर्षों से पूरी राजनीति सांसद मीनाक्षी नटराजन के इर्द-गिर्द ही घूम रही थी। इस विस चुनाव में भी उन्हीं की इच्छा से टिकट वितरण हुए थे। अब 8 में से 7 हारने के बाद उनके कद पर असर भी होगा।
महाराज की मेहनत पर फिरा पानी
जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रचार के दौरान खूब मेहनत की। उन्होंने जावद-मनासा में चार सभाएं ली लेकिन शिवराज लहर व बागी नेता राज कूमार अहिर ने दूसरा स्थान पाकर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। कांग्रेस ने मनासा में जीती न जावद में। जावद में तो कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत ही जब्त हो गई।
भाजपा की राजनीति को देखा जाए तो 9 साफ् से भाजपा सरकार में मंत्री जगदीश देवडा की इस बार फिर जीत ने उनका कद भी बडाया है। अब वे संसदीय क्षेत्र में भाजपा के बडे नेता के रूप में स्थापित होने की डगर पर है। डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय के उम्रदराज होने के बाद वैसे भी इस क्षेत्र में भाजपा से कोई बडा नेता दिख नहीं रहा था। नीमच जिले की मनासा से विस चुनाव जीतने के बाद मंदसौर के निवासी कैलाश चावला को भी इस सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलती है तो वे भी सत्ता के केंड के रूप में उभरेंगे।
रिकॉर्ड जीत दर्ज की यशपाल ने जावद मे कांग्रेस महाराज तक की लाज नही बचा पाये रघु
इधर भारी अंतर विरोध के बाद भी पार्टी का भरोसा जीतने में सफल रहे यशपाल सिंह सिसौदिया ने भी २४२९५ मतों से जीत दर्ज कराकर मंदसौर में अब तक की सर्वाधिक जीत का रिकार्ड कायम कर फ्यिा है। वे १९९० में कैफश चावफ(२४१८१) के रिकार्ड को तोडने में सफल् रहे। लगातार दूसरी जीत के बाद पार्टी में उनका कद भी बढ़ेगा।