भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार किसकी बनेगी, यह स्पष्ट तौर पर कोई नहीं कह सकता। इतनी ऊहापोह सिर्फ इसलिए है कि इस बार वोट डालने वालों में 85 लाख नए वोटर हैं।
चूंकि नए वोटर पारंपरिक पार्टी धारा में यकीन नहीं करते हैं, इसलिए नतीजे अप्रत्याशित भी हो सकते हैं।
85 लाख नए वोटरों को इतना अधिक महत्व इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि पिछली बार कांग्रेस से केवल 19 लाख ज्यादा वोट लाकर भाजपा ने सरकार बना ली थी। कांग्रेस को 1.17 करोड़ वोट मिले थे और भाजपा को 1.36 करोड़। केवल 19 लाख वोटों के अंतर में भाजपा को 143 सीटें मिल गईं। कांग्रेस 67 सीटों पर अटक गई थी। यही वजह है कि बढ़े हुए 85 लाख वोटों को निर्णायक माना जा रहा है।
इस बार की वोटिंग से नया ट्रेंड सामने आया है। पिछले चुनाव की अपेक्षा पुरुष वोट तो डेढ़ प्रतिशत ही ज्यादा पड़े, लेकिन महिलाओं के वोट 4.19 प्रतिशत ज्यादा पड़े। ज्यादा संख्या में महिलाएं वोट तभी करती हैं, जब कोई लहर हो। यह लहर क्या थी और किसके पक्ष में जाएगी, यह 8 दिसंबर को पता चलेगा।
बाजार में किस पार्टी की क्या हालत?
बुधवार को इंदौर के सट्टा बाजार में भाजपा की स्थिति मजबूत दिखाई गई। भाजपा सरकार के भाव 12 पैसे, जबकि कांग्रेस सरकार के भाव 6 रु. लगाए गए। भाजपा को 131 से 133 जबकि कांग्रेस को 83 से 85 सीटों की संभावना पर बुकिंग की गई।