समझ ही नहीं आ रहा संविदा शाला शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का आधार

संविदा शाला शिक्षक भर्ती में जो जाति के अनुसार आरक्षण दिया गया है वो किसी के भी समझ में नहीं आ रहा कि आरक्षण किस आधार पर दिया गया। जबकि आरक्षण का आधार वर्ग कि संख्या के आधार पर होना चाहिए:-

1 चूंकि अनारक्षित की संख्या अधिक है क्योंकि इसमें सभी वर्ग आते है अतः संविदा शाला शिक्षक-2 के 18879 में से 8583 के 45 प्रतिशत है जो कि आरक्षण से सही है तथा संविदा शाला शिक्षक-3 में 46935 पदों में से अनारक्षित के 21047 पद के 45 प्रतिशत है जो कि सही है।
2 इसी प्रकार अनुसूचित जाति के 18879 पदों में से 2644 पद के 14 प्रतिशत है तथा संविदा शाला शिक्षक-3 के 46935 पदों में से 6911 पद के 14 प्रतिशत है जो कि जनसंख्या के अनुसार सही है।
3 इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के 18879 पदों में से 5314 पद के 28 प्रतिशत पद है तथा संविदा शाला शिक्षक-3 के 46935 पदों में से 12896 पद के 27 प्रतिशत है जो की जनसंख्या के अनुसार काफि अधिक है।
4 इसी प्रकार अन्य पिछडा वर्ग के 18879 पदों में से 2378 के 12 प्रतिशत ही है तथा संविदा शाला शिक्षक-3 के 46935 पदों में से 6081 पद के 13 प्रतिशत है जो कि सही नही है। आरक्षण के अनुसार अन्य पिछडा वर्ग का आरक्षण 27 प्रतिशत होना चाहिए।

Human Rights Documentation,
Indian Social Institute, Lodi Road, New Delhi, India के अनुसार किसी भी सीधी भर्ती या रिक्त पदों में अन्य पिछडा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसकी प्रति में नीचे संलग्न कर रहा हुं साथ ही संविदा शाला शिक्षक-2 व संविदा शाला शिक्षक-3 की  अंबंदबल भी संलग्न कर रहा हूं।

भोपाल समाचार के पत्रकारों सें निवेदन है कि इस समाचार को प्रमुखता से छापकर तथा राज्य शिक्षा केन्द्र के अधिकारीयों से इस सम्बंध में चर्चा करे तथा हमें न्याय दिलाये।

सः धन्यवाद
प्रार्थी
रमेश कुमार सोनी
मो नं 9752746716



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