डॉ नवीन जोशी/भोपाल। केन्द्र की यूपीए सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के क्रियान्वयन और उसका उचित पर्यवेक्षण न करने को लेकर मप्र की भाजपा सरकार की जमकर खिंचाई की है तथा इस संबंध में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव एलसी गोयल ने प्रदेश के मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा को कड़ा पत्र लिखा है।
पत्र में बताया गया है कि उक्त योजना के तहत जनवरी से जून 2013 के बीच 584 ग्रामीण सड़कें बनना थीं परन्तु बनाई गईं सिर्फ 443 सड़कें। इस प्रकार सिर्फ 76 प्रतिशत ही कार्य किया गया। पत्र में श्री गोयल ने कहा है कि राज्य सरकार से अपूर्ण सड़कों को पूर्ण किये जाने की तिथि दर्शाने हेतु एक कम्प्लीशन प्लान केन्द्रीय मंत्रालय को उपलब्ध कराया जाये लेकिन राज्य सरकार ने या तो ऐसा कम्प्लीशन प्लान बनाया नहीं और यदि बनाया भी है तो वह बहुत ही अवास्ताविक है तथा यह प्रभावी प्रबंधन और उसके अनुरुप फंडिंग सुनिश्चित नहीं करता है। श्री गोयल ने मुख्य सचिव श्री डिसा से आग्रह किया है कि वे ग्रामीण सड़कों का लक्ष्य के अनुरुप निर्माण करने की मासिक वास्तविक रिपोर्ट मय व्यय के तैयार करें और मंत्रालय को भेजें तथा स्वयं भी प्रगति की समीक्षा करें।
मनरेगा में निगरानी के लिए स्टेट इंचार्ज नियुक्त
इधर केन्द्रीय ग्रामीण मंत्रालय ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की मप्र में निगरानी हेतु एसपी वशिष्ट को स्टेट इंचार्ज पर्सन यानी एसआईपी नियुक्त किया है। यह एसआईपी मप्र के उन जिलों का विशेष तौर पर दौरा करेंगे जहां मनरेगा का क्रियान्वयन कमजोर है तथा इसके बाद वे राज्य एवं केन्द्र सरकार को रिपोर्ट देंगे कि किस प्रकार से इन कमजोरियों को दूर किया जा सकता है। यह एसआईपी मनरेगा के कामों की गुणवत्ता एवं मजदूरों को भुगतान की व्यवस्था को भी देखेंगे। ये एसआईपी हर माह तीन दिन मप्र में दौरा कर मनरेगा की निगरानी करेंगे।