पढ़िए दिल्ली में कहां कहां भटक रहे हैं कांग्रेस के धुरंधर नेतागण

कुमार आशीष/नईदिल्ली ब्यूरो। जब राहुल गांधी मध्य प्रदेश में राहतगढ़ (सागर) और इंदौर की सभाएं ले रहे थे, तब मध्य प्रदेश के सैंकड़ों नेता अनिश्चितता से भरे हुए दिल्ली की सड़कों पर भटक रहे थे। जैसे ही राहुल गांधी का दौरा खत्म हुआ, मध्य प्रदेश के टिकटार्थी नेताओं का दूसरा बड़ा जत्था दिल्ली की होटलों, एमपी भवन और निजी ठिकानों में उतर गया।

इस बार प्रदेश के चार बड़े नेताओं कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टिकट बांटने की प्रक्रिया से हाथ खींच लिए हैं।

मध्य प्रदेश के जमे जमाए नेता भी दिल्ली में लोधी एस्टेट, तुगलक लेन, साउथ एवेन्यू और गुरुद्वारा रकाबगंज रोड के बीच भटक रहे हैं।

तीन-तीन घंटे के इंतजार के बाद भी आकाओं से मुलाकात नहीं होती। जब वे इन बड़े नेताओं की बेरुखी से निराश होते हैं, तब राहुल गांधी के सर्वे का तकिया लगाकर सो जाते हैं।

64, लोधी एस्टेट
दिग्विजय सिंह के पते पर बड़ी भीड़ है, क्योंकि उनके दो समर्थक प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य हैं। जो इनसे जुड़े हैं, वे ज्यादा सुरक्षित माने जा रहे हैं। एक टिकटार्थी तो ऐसे हैं कि रोजाना दिग्विजय सिंह की लोकेशन पता करते हैं। दिग्विजय सिंह जहां भी होते हैं, वे वहीं पहुंच जाते हैं। ये नेताजी दिल्ली में सुबह दिग्विजय सिंह से मिले, शाम सात बजे फ्लाइट से करवा चौथ पर भोपाल पहुंचे और रात को 11 बजे की ट्रेन पकड़कर अगली सुबह फिर दिग्विजय सिंह के दरवाजे पर थे। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वह टिकटों की प्रक्रिया से अलग हैं, लेकिन नेता मानते हैं कि सबसे ज्यादा टिकट उन्हीं के होंगे। वह मोहनप्रकाश को बुलाकर चुपचाप नाम जुड़वा देते हैं।

105, साउथ एवेन्यू
स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के अपने निवास पर सुबह ही मिलते हैं। भोपाल के एक नेताजी ने 20 लोगों का प्रतिनिधि मंडल सुबह-सुबह मिस्त्री के दरवाजे पर खड़ा कर दिया। गुजरात के मिस्त्री 24 अकबर रोड पर बैठते हैं। वह हिंदी नहीं समझते। जब टिकटार्थी नेता उनके पास जाते हैं, मिस्त्री घोषणा कर देते हैं कि मुझे कुछ मत कहो, कागज लाओ और सामने की टेबल पर रख दो। आप जो कुछ कहोगे मुझे कुछ याद नहीं रहेगा।

8, तालकटोरा रोड
संभव है, प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया अंदर बैठे हों और सहायक प्रवीण कक्कड़ बाहर नेतृत्व की बागडोर संभाल रहे हों। कक्कड़ को पता है किसका नाम है और किसका कट रहा है। मप्र से आने वाले नेताओं का हुजूम भी 'कक्कड़ जी' को ही 'भूरिया जी' समझकर उनकी बातों को 'पक्की खबर' मान लेता है।

99, साउथ एवेन्यू
विधायक बनने के इच्छुक लोग मधुसूदन मिस्त्री के ड्राइवर को अपना बायोडाटा पढ़वाते हुए और ड्राइवर भी उनसे कांस्टीट्वेंसी का नंबर पूछता हुआ दिखाई दे तो आप हैरान मत होइए।

गेट नंबर 10 खेल प्राधिकरण
ज्यादातर टिकटार्थी जान गए हैं कि भंवर जितेंद्र सिंह ही स्क्रीनिंग कमेटी के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं, क्योंकि वह राहुल गांधी के करीबी हैं। भंवर जितेंद्र सिंह 20-20 लोगों के समूह में मिलते हैं। एक वहीं नेता हैं जो सबको धैर्य से सुनते हैं, कागज लेते हैं और उनका सहायक अंत में पूछता है कि मिलने के लिए कोई बचा तो नहीं।

24, अकबर रोड
मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव मोहन प्रकाश भी स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य हैं। वह अकेलेराम रहते तो कटवारिया सराय के एक छोटे से फ्लैट में हैं, खांटी समाजवादी हैं, लेकिन कांग्रेस मुख्यालय पर मिल जाते हैं। वह मिस्त्री से उलट हैं। कागजों से थक चुके हैं। नेता जब उन्हें बायोडाटा थमाते हैं तो वह कहते हैं, यह सब आप अपने साथ ले जाइए। सीहोर के एक नेता ने उन्हें चमका दिया। हाथ जोड़ने लगे, तुम बड़े हो, मैं छोटा हूं।

1, तुगलक लेन
जमा भीड़ कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री मानती है। कमलनाथ भारी व्यस्त हैं। सौ लोगों से एकसाथ मिलते हैं। सहायक मिगलानी के पास बायोडाटा का भंडार जमा हो गया है। टिकट प्रक्रिया से दूर बताते हैं,  लेकिन नेता कहते हैं, जिन्हें चाहेंगे टिकट मिल ही जाएगा। उनकी ओर से सज्जन वर्मा स्क्रीनिंग कमेटी से संपर्क करते रहते हैं।

2, साउथ एवेन्यू
2008 में टिकट बांटने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश पचौरी के यहां माहौल ठंडा है। उनके समर्थक सबसे ज्यादा असुरक्षा से घिरे हैं। पचौरी किसी भी कमेटी में नहीं। उन्होंने समर्थकों से कह दिया है कि प्रयास करते रहो, मैं ज्यादा मदद नहीं कर पाऊंगा।


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