भोपाल/दतिया। रविवार को हुए रतनगढ़ हादसे के बाद सिंध नदी लगातार शव उगल रही है। लेकिन प्रशासन ने नदी में शव खोजने का प्रयास नहीं किया। प्रत्यक्षदर्शी प्रशासन व पुलिस को नदी में शव बहकर आने की सूचना दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस बात को मानने को ही तैयार नहीं है।
मालूम हो कि सोमवार को जतारा निवासी राहुल पुत्र कैलाश अहिरवार का शव खमरौली के पास मिला। मंगलवार को खमरौली के ग्रामीण रिसपाल सिंह बघेल को एक लड़के का शव नदी में बहकर आता दिखा। रिसपाल से एडिशनल एसपी जयवीर सिंह भदौरिया सहित प्रशासनिक अधिकारियों को नदी में शव होने की सूचना दी।
घंटों बाद मौके पर एक होमगार्ड का सैनिक पहुंचा। लेकिन तब तक शव बहकर आगे निकल चुका था। होमगार्ड सैनिक ने नदी में उतरने से मना कर दिया।
शव खोजने के नहीं हुए प्रयास:
रविवार को हुई घटना के बाद से अब तक प्रशासन ने नदी में शव खोजने के कोई प्रयास नहीं किए।
मृतकों की संख्या न बढ़ जाए इसलिए नहीं तलाश रहे शव:
स्थानीय लोगों में इस बात की चर्चा है कि जिला प्रशासन नदी में शव खोजने का प्रयास इसलिए नहीं कर रहा, ताकि मृतकों की संख्या न बढ़ जाए। जबकि खमरौली की सरपंच रामकली के पति रिसपाल सिंह बघेल ने दावा किया था कि सोमवार को एक बच्चे का शव निकालते समय उन्होंने पांच-छह शवों को नदी में बहते हुए देखा था।
मंगलवार को अमर सिंह अपने 17 वर्षीय पुत्र दिनेश की तलाश में घटना स्थल के आसपास बदहवासी की हालत में घूम रहा था। अमर सिंह ने दिनेश के लापता होने की सूचना कंट्रोल रूम के साथ थाना अतरेंटा में देने की कोशिश की। लेकिन उसकी सूचना को दर्ज नहीं किया गया। यानि कि इतना तय है कि हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग लापता है। जो, धीरे-धीरे सामने आ रहे है। ऐसे लोगों की सुध भी स्थानीय प्रशासन नहीं ले रहा।