भोपाल। सभी जानते हैं कि अगली सरकार शिवराज सिंह की ही होगी परंतु शिवराज सिंह जानते हैं कि यदि टिकिट के टंटे में गद्दारी हो गई तो सब के सब हाथ मलते रह जाएंगे। बस यही चिंता उनकी नींद उड़ाए हुए है।
इस क्राइसिस मैनेजमेंट के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और अरविंद मेनन के बीच मंथन का सिलसिला दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित होते ही पार्टी के शीर्ष नेता उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में जुट गए हैं।
इसी मसले को लेकर शनिवार को सुबह और दोपहर को मुख्यमंत्री निवास पर चौहान, तोमर और मेनन के बीच बैठक हुई। बैठक का एक दौर देर शाम को भी हुआ। सूत्रों ने बताया कि आज भी उम्मीदवार चयन को लेकर लंबी चर्चा हुई। सर्वाधिक चिंता मौजूदा टिकटों के काटे जाने को लेकर है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर हाल में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए किसी भी स्तर पर टिकट काटने को तैयार है। इसके दायरे में फिलहाल करीब 70 विधायक आ रहे हैं। इसमें आधा दर्जन मंत्री भी शामिल है। शनिवार को हुई चर्चा में क्राइस मैनेजमेंट को लेकर चर्चा हुई।
उसकी चिंता यह है कि टिकट काटना तो आसान है, लेकिन जो असंतोष उपजेगा उसे किस प्रकार शांत किया जाएगा। एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री निवास में तीनों नेताओं के बीच तय हुआ था कि भरोसे में लेकर टिकट काटे जाएंगे। जिन लोगों के टिकट काटे जाएंगे उनसे मुख्यमंत्री शिवराज और प्रदेशाध्यक्ष तोमर खुद चर्चा करेंगे। इधर, इन तीनों नेताओं के बीच प्रदेश कार्यालय में स्थानीय विधायकों के खिलाफ आ रही शिकायतों के बारे में चर्चा की गई।