ग्वालियर। ग्वालियर, झांसी राजमार्ग के निर्माण में निर्माणदायी एजेंसी और राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच हो रहे विवाद का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। निर्माणदायी कंपनी अनुबंध की शर्तों के मुताबिक अपनी धनराशि को मांग रही है। वही एनएच का कहना है कि काम पूरा नहीं हो पाया है, ऐसे में धनराशि वापस नहीं की जा सकती है।
ग्वालियर झांसी एक्सप्रेस के निर्माण में हो रही देरी का कारण जानने की कोशिश ने की। बुधवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान पेश हुए डीएस कंपनी के एमडी एमएस नरूला ने बातचीत में बताया कि वर्ष 2008 में भूमि अधिग्रहण करके देनी थी। भूमि मिली वर्ष 2012 में। प्रोजेक्ट की लागत 604 करोड़ रू. थी। अभी तक कंपनी 700 करोड़ रू. खर्च कर चुकी है। ऋण लेकर काम शुरू किया है। एनएच में बंधक धनराशि भी नहीं दी जा रही है। वहीं एनएच के मुख्य महाप्रबंधक आईके पाण्डेय ने बातचीत में कहा कि वर्ष 2010 में भूमि अधिग्रहण करके सौंप दी है। एक कि.मी. का काम पूरा नहीं हो पाया है।