देखिए राजधानी तक आती मौत की सड़क

हबीब सिद्दीकी@रायसेन। आपने मौत का कुआं सुना होगा। एक बाइक सवार कैसे जान जोखिम में डालकर आपका मनोरंजन करता है, परंतु मौका मिले तो रायसेन से राजधानी तक जाने वाली मात्र 45 किलोमीटर की सड़क भी देखिए, यहां आपको हर दो मीटर पर मौत दिखाई देगी। यह मार्ग किसी तीर्थ स्थल तक नहीं जाता, लेकिन सलामती की दुआएं मांगते मांगते लोग राजधानी तक पहुंच पाते हैं।

विकास कहीं भी ख़ुशी की बात होती है पर रायसेन वासियों के लिये ये काल बनकर आया है। एनएच86 चोड़ीकारण रायसेन वा आसपास के लोगों के लिये अब अभिशाप बन गया है। अगर आप को  राजधानी की यात्रा करनी है तो सावधान हो जाये क्योंकि ये सफऱ किसी मौत के सफऱ से कम नहीं होगा।

रायसेन से भोपाल के बीच आपका सामना कई बार मौत से हो सकता है आप बच के निकल जाएं ये आपकी किस्मत लगभग 45 का ये सफऱ 2 घंटे से कम का नहीं होगा साथ ही धूल और गड्डों मै वाहन मे टूट फुट अलग मरीजों को तो इस सड़क मार्ग से लेजाने की भूल करना ही नहीं, नहीं तो ये सफऱ महंगा भी पड़ सकता है।

इस रोड पर आधे से ज्यादा मार्ग पर डामर की सड़क तो गायब है सिर्फ और सिर्फ गड्ढे बारिश से पहले तो हाल ठीक ठाक थे पर बाद की स्थिति काफी गंभीर हो गयी है एनएचआई विभाग का इस सड़क से मुह मोडऩा जनता की समझ से परे है शायद एनएचआई अधिकारीयों का ध्यान बारिश के बाद इस और नहीं गया चोड़ीकरण  के नाम पर रुका सड़क का काम इस सफऱ मै हर पल परेशानी पैदा कर रहा है।

फिडर बस उठा रही नुकसान

इस संबन्ध मै  जब रायसेन भोपाल चलने वाली बस मालिकों से बात की तो जिय़ा रहमान सहित अन्य का कहना था अभी देख रही है 1 तो डीजल का बढता ब़ोझ उस पर सड़क खराब यही हाल रहा तो हो सकता है हमलोगों को अपना धंधा बदलना पड़े क्योंकि रोज़ की टूट फूट से हम तंग आ गये हैं कब तक घाटा उठायं
दो साल मै नहीं बनी 20 किलोमीटर सड़क ;-विगत 2 वर्ष पूर्व निर्माता कंपनी नै सलामतपुर चोराहा से रायसेन की और निर्माण कार्य शुरू किया था पर कछुआ चाल तो देखो अभी तक मात्र 17 कि .मी सड़क भी नहीं बन पाई जगह जगह टुटी सड़क मार्ग पर चलने वालों को दांत चिड़ा रही है

ईव़ीएम पर दिखाई देगा इसका असर

जहाँ चुनाव आयोग ज्यादा से ज्यादा मतप्रयोग की बात समझा रहा है परन्तु लोगों का तो कुछ और ही कहना है बात करने पर कुछ लोग बोले धूल भरे रास्ते पर चल कर वोट डालने नहीं जायंगे अगर गये  तो असर भी दिखा मामला जो भी हो पर देखना अब ये है की लोगों कब आश्वासनों से हट कर अच्छी सड़क नसीब हो पायगी या फीर यूँ ही सब चलता रहेगा।

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