भोपाल। मध्यप्रदेश में पीएमटी में फर्जीवाड़े के सात आरोपियों को इंदौर की स्थानीय अदालत ने 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया, लेकिन अभी तक मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। सुना है सीबीआई सबूत जुटा रही है।
प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश के लिये आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में फर्जीवाड़े के सात आरोपियों को शुक्रवार को अदालत ने 30 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया है।
विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने पीएमटी फर्जीवाड़े में कथित भूमिका के चलते संतोष, गेंदालाल, तेजराम, जिया-उल-हक, फैसल, गणेश और राजकुमार को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद इन्हें प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) मनोज कुमार लड़िया के सामने पेश किया गया.
अदालत ने सातों आरोपियों को 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेजने का आदेश दिया.
सूत्रों ने बताया कि इंदौर पुलिस ने पीएमटी में फर्जीवाड़ा करने वाले दो गिरोहों का जुलाई में सिलसिलेवार भंडाफोड़ किया था. इस मामले में व्यापमं के पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज त्रिवेदी और तीन अन्य अफसरों समेत 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक व्यापमं के चारों अफसरों पर उन गिरोहों से साठ-गांठ का आरोप है, जिन्होंने पीएमटी में बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया.
सूत्रों के मुताबिक ये गिरोह पीएमटी में अलग-अलग तरह से फर्जीवाड़ा करके उन उम्मीदवारों को चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश दिलवाते थे, जो अपने अवैध दाखिले के बदले उन्हें मोटी रकम चुकाते थे.