अब डॉक्टरों को लगाना पड़ेगा बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा

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भोपाल। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की हाजिरी अब बायोमेट्रिक मशीन पर ली जाएगी। इसके लिए डॉक्टरों को अस्पताल में आते-जाते समय मशीन पर अंगूठा लगाना पड़ेगा। अस्पतालों में डॉक्टरों की हाजिरी लेने की नई व्यवस्था अगले महीने अक्टूबर में शुरू होगी।

इसके लिए सरकार ने मशीनों की खरीदी के आदेश जारी कर दिए हैं। इस माह के आखिरी में बायोमेट्रिक मशीनों के इंस्टालेशन का काम शुरू होगा। वहीं, मप्र मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य प्रवीर कृष्ण ने बताया कि स्वास्थ्य संचालनालय से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक के अस्पतालों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी। इसी मशीन पर डॉक्टर अंगूठा लगाकर अपनी हाजिरी दर्ज कराएंगे। सभी अस्पतालों की बायोमेट्रिक मशीनों को सेंट्रल सर्वर से जोड़ा जाएगा।

इससे प्रदेश के किस अस्पताल में कौन सा डॉक्टर कितनी देरी से आ रहा है अथवा कितनी बार इमरजेंसी कॉल पर डयूटी कर रहा है, की जानकारी सीधे सेंट्रल सर्वर से मिलेगी। बकौल प्रवीर कृष्ण नई व्यवस्था लागू होने से अस्पतालों में डॉक्टर, ज्यादा समय तक उपलब्ध रहेंगे। इसका फायदा अस्पताल में आने वाले मरीजों को होगा।

जेपी में असफल रहा था प्रयोग
डॉक्टरों के अस्पताल देरी से आने की शिकायतें मिलने के बाद तत्कालीन कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव ने जेपी अस्पताल में बायोमेट्रिक मशीन पर हाजिरी की व्यवस्था दी थी। इसके लिए अस्पताल में अधीक्षक ऑफिस के बाहर बायोमेट्रिक मशीन भी लगाई गई थी, जो डॉक्टरों के विरोध के कारण शुरू ही नहीं हो सकी।

एसोसिएशन ने किया विरोध
मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजय खरे ने बताया कि डॉक्टर इमरजेंसी में ऑन कॉल ड्यूटी करते हैं, जो विशेषज्ञ डॉक्टर रात में ऑन कॉल ड्यूटी करते हैं, वे सुबह अस्पताल देरी से पहुंचते हैं। बायोमेट्रिक मशीन पर हाजिरी के लिए डॉक्टरों से अंगूठे लगवाना गलत है।

इलाज करने से इंकार नहीं कर सकते
राज्य सरकार ने बुधवार को स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और आयुष विभाग के डॉक्टरों पर एस्मा लागू कर दिया। इसके लागू होने से सरकारी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर अस्पताल में आए किसी मरीज को इलाज देने से इंकार नहीं कर सकेंगे, जो डॉक्टर ऐसा करेंगे, उनके विरुद्ध अत्यावश्यक सेवा कानून (एस्मा) के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एम्स : एक और डॉक्टर ने नौकरी छोड़ने के लिए दिया आवेदन
राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अस्पताल की शुरुआत से पहले ही डॉक्टरों का संस्थान से मोहभंग होने लगा है। बुधवार को संस्थान के सर्जरी विभाग के एक और डॉक्टर ने नौकरी छोड़ने संबंधी आवेदन डायरेक्टर डॉ. संदीप कुमार को दिया है, जिसे फिलहाल स्वीकार नहीं किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले तीन माह में संस्थान के छह डॉक्टरों ने नौकरी छोड़ने के लिए आवेदन किया है, परंतु किसी का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। डॉ. कुमार ने बताया कि सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. रविकांत ने नौकरी छोड़ने का आवेदन दिया है। अस्पताल की शुरुआत न हो पाने के कारण विभिन्न डिपार्टमेंट के डॉक्टरों को काम नहीं मिल पा रहा है। इस वजह से 7 डॉक्टर अब तक नौकरी छोड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

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