सांसद होने का यह मतलब तो नहीं होता

shailendra gupta
राकेश दुबे@प्रतिदिन। और अब नवीन जिंदल से पूछताछ जारी है |अब तक सी बी आई को/से वे नहीं मिले थे | सांसद है, रुतबे रसूख और रूपये वाले | देश भक्त भी कहलाना पसंद करते है |किसकी मजाल है जो कुछ कह सके |

राज्य और केंद्र की सरकारें तो इनकी ही होती है और सारी नीतियों को तोड़मरोड़ अपने पक्ष में करने में इन्हें महारत हासिल होती है | नवींन जिंदल भारतीय राजनीति का वह चेहरा है, जो किसी न किसी  नाम से हर राजनैतिक दल में घुसपैठ बनाये हुए है | नई शक्ल के व्यापारी |

आज़ाद होने के पूर्व से भारत में व्यापार  करने की परम्परा रही है |  तब भी इस देश के व्यापारी विदेश तक व्यापार करते थे, परन्तु इस बात का भी ध्यान रखते थे | व्यापार  में कुछ समाज का भला भी हो | नये व्यापरिक शास्त्र ने तो यह सब भुला दिया, तो सरकार कम्पनी सोशल रिस्पांसिबिलिटी जैसे कानून बनाना पड़े|

इस नई व्यापारिक पौध ने सब कुछ बाज़ार बना दिया | पंचायत से संसद तक सेंध लगाई और हर जगह घोटाले का नया  अध्याय लिख डाला | कोयला घोटाला प्रत्यक्ष प्रमाण है |पहले मुकदमा दर्ज़ न हो इसके प्रयास हुए , सर्वोच्च न्यायालय में झूठे सच्चे हलफनामे दिए गये , न्यायलय के कहने पर मुकदमा हुआ. तो कभी अभियुक्त गायब तो कभी फाईल गायब | प्रत्येक व्यापार का एक ही मतलब होता है धन कमाना पर कैसे ? यह सोचना ज्यादा जरूरी है , शायद अब सनझ आएगा |


  • लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
  • संपर्क  9425022703
  • rakeshdubeyrsa@gmail.com
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