मझौली (सीधी)। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिव के प्रतिरूप माने जाने वाले म0प्र0 के यस्वस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी वादा कर के मुकरने का नमूना शिक्षक दिवस के पावन पर्व पर अध्यापकों का दिल तोड कर दिया।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग वल्लभ भवन के पत्र क्रमांक एफ-4-113/2013/18-1 भोपाल दिनांक 04/09/2013 के द्वारा जारी आदेश में समान कार्य - समान वेतन के स्थान पर महज अंतरिम राहत के रूप में क्रमशः रूपये 1000/- , 2600/- एवं 1750/- की किस्त देने जा रही है और समान कार्य-समान वेतन के रूप में प्रचारित कर रही है।
सरकार के इस नियत से स्पष्ट हो चुका है कि अध्यापकों को कभी भी समान कार्य का समान वेतन नही मिलेगा। क्योंकि 1998 से नियुक्त अध्यापकेां की सेवा 2007 से मानी जा रही है। यह कहा का न्याय हैघ् यदि सरकार चाहे तो सभी अध्यापकों को 01/08/2013 को आधार मान कर वेतन बनाये तो बिना कोई किस्त दिये ही समान कार्य - समान वेतन हो जायेगा।
सरकार की नियत ही साफ नही है, ऐसी स्थिति में सरकार से क्या उम्मीद की जाये। क्योंकि यह समझौते की भीड़ - भाड में सबसे रिश्ता टूट गया। इतने घुटने टेके हमने, आखिर घुटना टूट गया।।
शिक्षक दिवस के इस अवसर पर अध्यापक-संविदा संयुक्त मोर्चा द्वारा, सरकार द्वारा जारी आदेश के समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई जिसमें म0प्र0 सरकार द्वारा जारी आदेश का एक स्वर से विरोध किया गया एवं आदेश का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया।
ब्लाक इकाई मझौली के अध्यक्ष श्री पद्मधर द्विवेदी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार से पूछा है कि आप ने हमें चैथा वेतनमान 1998 में, पांचवा वेतनमान 2007 में, छठवां वेतनमान 2017 में मिलेगा और सातवां वेतनमान कब मिलेगा घ्
बैठक में उपस्थित कृष्ण कुमार तिवारी, राजेश शर्मा, राजेश्वर सिंह, पी.एन.मिश्रा, राजेन्द्र तिवारी, अम्ब्रीश गुप्ता, बैद्यनाथ सिंह, राजेन्द्र सिंह कुशवाहा, अखिलेश गुप्ता, सिद्धमुनि गुप्ता, वन्दना नामदेव, रामकली वर्मा, अशोक कुमार वैश्य, संतोष कुमार कचेर, रामखेलावन कुशवाहा, ज्ञानेश्वर मिश्र, विनीत कुमार शुक्ल, आर.जी. गौहर, पी. एन. वर्मा, बडेलाल बैस, कृष्ण कुमार अवधिया प्रहलाद गुप्ता राम विशाल कुशवाहा आदि सहित सैकडों अध्यापकेां ने सरकार के इस धोखे का मुहतोड जवाब देने केलिये साथियों को तैयार रहने के लिये कहा।