भोपाल। ‘मिशन 2013’ को फतेह करने की रणनीति बनाने में जुटी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने सभी 65 वर्तमान विधायकों पर भरोसा जताया है। नवंबर-दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने इन्हें दोबारा टिकट देने का मन बना लिया है।
पार्टी में उन 7 कांग्रेस नेताओं को भी टिकट देने पर सहमति बन गई है, जो पिछले चुनाव में एक हजार या इससे कम वोटों से हारे थे। इस तरह प्रदेश चुनाव समिति ने विधानसभा चुनाव के लिए 72 प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए हैं। शनिवार को नई दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के वार रूम में हुई प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में सबसे पहले इन्हीं 72 नामों पर चर्चा हुई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की अध्यक्षता वाली समिति की बैठक में प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश के अलावा कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य सदस्य भी मौजूद रहे। समिति ने इन 72 सीटों पर एक-एक उम्मीदवार के नाम का पैनल बनाकर स्क्रीनिंग कमेटी को भेज दिया है।
स्क्रीनिंग कमेटी की लगेगी अंतिम मुहर
इन 72 नामों पर अंतिम निर्णय स्क्रीनिंग कमेटी लेगी। चुनाव समिति ने अपनी तरफ से इन नामों की अनुशंसा की है। पार्टी आलाकमान द्वारा कराए गए सर्वे में यदि इन 72 सीटों के लिए मौजूद विधायकों और कम अंतर से हारने वाले नेताओं के अलावा कोई नाम होगा, तो उसे भी तवज्जो दी जा सकती है। टिकट देने का अंतिम स्क्रीनिंग कमेटी ही करेगी।
बागियों को पहली बार में ही ‘ना’
चुनाव समिति की शनिवार को हुई बैठक में इस बात भी सहमति बनी है कि पिछले चुनाव में बागी होकर पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नेताओं को पहली बार में टिकट नहीं दिया जाएगा। यदि किसी सीट पर ऐसी स्थिति बनती है कि ऐसे बागी नेता अच्छे उम्मीदवार हैं, तब उन्हें टिकट देने पर विचार किया जा सकता है।