कैलाश विश्वकर्मा/छिंदवाडा। बेचलर डिग्री लेने के बाद क्या डिप्लोमा लेना पड़ेगा? मामला संविदा शिक्षक सेकेंड कौन्सिलिंग का है सरकार को जब 2011 की में संविदा शाला शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण अभ्यर्थी नहीं मिले तो 2013 की स्थिति में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को लिया गया इसके पश्चात भी रिक्त पदों के लिए अभ्यर्थी नहीं मिल रहे है तब सरकार ने 30/08/2013 को म० प्र० एजुकेशन पोर्टल पर एक सर्कुलर अपलोड किया था जो संविदा शिक्षको की योग्यता के सम्बन्ध में था जिसमे भारत के राजपत्र के लास्ट पेज में लिखा है की बी एड वाले जिन्होंने एक वर्ष का कोर्से किया है वो भी।
से लेकर V शिक्षण के लिए पात्र माने जायेंगे। यदि आज कोई भी अभ्यर्थी डी एड पाठ्यक्रम करना चाहे तो भी नहीं कर सकता क्योकि सरकार ने डी एड कालेजो पर फीस की कोई सीमा नहीं बनाई है सभी कालेज लगभग 60000 se 70000 हजार तक शुल्क वसूल करते है सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
एक तरफ सरकार चाहती है की हमे संविदा में प्रशिक्षित शिक्षक मिलें और जब प्रशिक्षित शिक्षक मिलते है तो सरकार उन्हें कह देती है की तुम्हे प्रशिक्षित नहीं माना जा सकता। सरकार कहती है की संविदा शाला शिक्षक 3 में जो अभ्यर्थी डीएड है वे ही प्रशिक्षित माने जायेंगे और हजारो की संख्या में बीएड करके बैठे अभ्यर्थियों को सरकार अप्रशिक्षित मान रही है और सरकार का मानना है की डीएड प्रशिक्षित शिक्षक ह़ी प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ा सकते है। बीएड वालों को पढ़ाना नहीं आता जो डिप्लोमा पाठ्यक्रम है उन्हें आता है और जो बेचलर डिग्री है उन्हें नहीं आता। कहने का मतलब साफ स्पष्ट है की सरकार ने डिग्री की वेल्यु कम कर दी है लेकिन बेचलर डिग्री वाले तो डिप्लोमा वालो को भी पढ़ा सकते है तो प्राथमिक शाला में क्यों नहीं?
बीएड वालों के साथ सरकार छलावा कर रही है? सरकार को बेरोजगारों के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए और संविदा शाला शिक्षक 3 में बीएड वाले अभ्यर्थियों को पात्रता दी जानी चाहिए क्योंकि डीएड की डिग्री छोटी है और बीएड की डिग्री बड़ी है सरकार चाहे तो इन्हें छः माह का विशेष कोर्स कराके प्राथमिक शिक्षक की योग्यता इनमे ला सकती है और कम समय में सभी ट्रेंड शिक्षक इन्हे मिल जायेंगे संविदा शाला शिक्षक 3 भर्ती में बीएड पास अभ्यर्थियों को मौका मिलना चाहिए।
कैलाश विश्वकर्मा
बीएड संविदाशाला
उत्तीर्ण प्रशिक्षारत अभ्यर्थी