गुरूवार को नहीं हो पाई प्री पीजी काउंसलिंग, आज भी हंगामे के आसार

भोपाल। प्री पीजी सीटों के लिए गुरुवार को गांधी मेडिकल कॉलेज में शुरू चौथे चरण की काउंसलिंग पहले ही दिन हंगामे की भेंट चढ़ गई। दरअसल छात्र सरकारी व प्राइवेट दोनों कॉलेजों की सीटों पर एक साथ काउंसलिंग किए जाने की मांग कर रहे थे और विभाग इसके लिए तैयार नहीं था।

इसको लेकर विद्यार्थियों ने जमकर हंगामा किया। दिनभर चले इस हंगामे के बाद विद्यार्थियों और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के बीच देर रात तक चर्चा भी हुई, लेकिन सहमति नहीं बन सकी। नतीजतन विभाग द्वारा काउसंसलिंग टाल दी गई। अब काउंसलिंग 30 अगस्त को सुबह 10 बजे शुरू की जाएगी।

मेडिकल प्री पीजी सीटों के लिए गुरुवार सुबह 10 बजे काउंसलिंग शुरू हुई। प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन कोई भी विद्यार्थी काउंसलिंग टीम के पास नहीं पहुंचा। तमाम कोशिश के बाद भी पर्ची उठाने मंच पर कोई स्टूडेंट नहीं पहुंचा। दरअसल देश भर के स्टूडेंट्स के लिए प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 65 सीटें निर्धारित की गई हैं, जबकि प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए 44 सीटें तय हैं।

इन सीटों पर लॉटरी के जरिए गुरुवार को काउंसलिंग शुरू की जानी थी, लेकिन विद्यार्थियों ने सरकारी सीटों के साथ निजी कॉलेजों की सीटों पर काउंसलिंग शुरू नहीं किए जाने का विरोध किया। इस दौरान विद्यार्थियों ने शोर-शराबा किया।

इस बीच काउंसलर उठकर चले गए, और तीन बजे काउंसलिंग शुरू करने को कहा, लेकिन 4.30 काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। इस बार स्टूडेंट्स से दोबारा हंगामा खड़ा कर दिया। इस तरह शाम 7 बजे तक प्रक्रिया स्थगित रही। इसके बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।

प्री पीजी की काउंसलिंग करा रहे एक अधिकारी ने बताया कि छात्रों की मांग है कि निजी कॉलेजों की रिक्त पीजी सीटों पर भी आज ही काउंसलिंग कराई जाए। लेकिन प्राइवेट मेडिकल कॉलेज रिक्त सीटों की जानकारी देने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र द्वारा सिर्फ सरकारी कॉलेजों में काउंसलिंग कराने के आदेश दिए गए हैं।

इधर देर शाम संचालनालय की एक महिला अधिकारी आशा श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार को काउंसलिंग नहीं को सकी। अब विभाग द्वारा 30 अगस्त को काउंसलिंग कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि दो दिन काउंसलिंग के लिए दिए गए थे आब सिर्फ 30 अगस्त को ही काउंसलिंग होगी।

नहीं हो सका चर्चा में फैसला
चिकित्सा शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक एनएम श्रीवास्तव ने बताया कि छात्रों की मांग के चलते विभाग एडमिशन एंड फीस रेगुलेटरी कमेटी (एएफआरसी) द्वारा मेडिकल कॉलेज के प्रबंधन व विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। सूत्रों की मानें तो बैठक देर शाम तक चलती रही लेकिन एएफआरसी किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी।

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