इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स की मांग: सिस्टम चेंज मत करो

भोपाल। इंजीनियरिंग में दाखिले से पहले आंशिक शिक्षण शुल्क लिए जाने के फैसले से उपजी नाराजगी को देखते तकनीकी शिक्षा विभाग ने वर्गवार शुल्क आधा कर दिया है, लेकिन अभी भी विद्यार्थी और कॉलेज संचालक नाखुश हैं।

इधर, विद्यार्थियों का कहना है कि फिलहाल उनसे ये आंशिक शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाए। कॉलेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) 4 अगस्त से शुरू होने वाली है और विद्यार्थी इस शुल्क को सीएलसी शुरू होने से पहले ही पूरी तरह वापस लिए जाने के पक्ष में हैं। पीपुल्स समाचार ने 30 जुलाई के अंक में ‘इंजीनियर बनने के सपने पर डीटीई का अडंगा’ शीर्षक के साथ गरीब विद्यार्थियों के हित की ओर ध्यान आकर्षित किया था।

इसके तत्काल बाद डीटीई द्वारा इस संबंध में बैठक बुलाई गई, जिसमें आंशिक शिक्षण शुल्क को आधा करने का निर्णय लिया गया। डीटीई द्वारा सीएलसी में दाखिला लेने वाले सामान्य एवं ओबीसी के विद्यार्थियों से 20 हजार के स्थान पर 10 हजार व एसी-एसटी के विद्यार्थियों से 10 हजार के स्थान पर 5 हजार का डीडी लिए जाने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। कई कॉलेज संचालक इस फीस को नहीं लिए जाने मांग कर रहे हैं। वहीं इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस बार हुए कम दाखिल के आंकड़ों पर कॉलेज प्रबंधन डीडी के मसले को सामने ला रहे हैं।


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