अध्यापकों को 1 अप्रैल 2009 से दिया जाए समान वेतन: नेता प्रतिपक्ष की मांग

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा है कि अध्यापक संवर्ग को शिक्षकों के समान वेतन देने का जो निर्णय राज्य सरकार ने चुनाव के दो माह पूर्व लिया है यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार पिछले पांच सालों से इस प्रदेश के लोगों को मानसिक रूप से प्रताडि़त कर एन चुनाव के वक्त उन्हें लाभ देकर उनका वोट हथियाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे को जब कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा में उठाया था तो ऐसी सुविधा देने से स्कूल शिक्षा मंत्री एवं तत्कालीन वित्त मंत्री ने साफ इनकार किया था। नेता प्रतिपक्ष ने मांग की कि अध्यापक संवर्ग को समान वेतन और समान काम की सुविधा एक अप्रैल 2009 से दी जाए।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि पिछले दो विधानसभा सत्रों में शिक्षकों के समान अध्यापक संवर्ग को समान वेतन, समान काम के आधार पर सुविधाएं देने के लिए कांग्रेस विधायक दल ने विभिन्न नियम प्रक्रिया के तहत मामला उठाया था। उस समय सरकार की स्कुल शिक्षा मंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री ने साफ कहा था कि अध्यापक संवर्ग को यह सुविधा नहीं दी जा सकती और न ही ऐसा कोई वादा सरकार ने उनसे किया है।

श्री सिंह ने कहा कि अब जब चुनाव नजदीक है और भाजपा को अपनी हार सुनिश्चित दिखाई दे रही है तो उसमें अध्यापक संवर्ग के लिए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि पिछले आठ-नौ सालों में जो नुकसान अध्यापक संवर्ग को हुआ है उसकी भरपाई भाजपा सरकार को करना चाहिए। तभी अध्यापकों के साथ न्याय हो पाएगा।

 श्री सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार चुनाव के तीन महीने पहले रेवडि़या बांटकर वोटों को प्रलोभन देने का जो काम कर रही है यह इस प्रदेश का हर आत्मसम्मानी नागरिक समझ रहा है और वह आने वाले 2013 के चुनाव में इसका जवाब भाजपा को देगा कि प्रलोभन के लिए किए गए निर्णयों से उसे खरीदा नहीं जा सकता क्योंकि सरकार की मंशा अध्यापक संवर्ग का हित नहीं बल्कि उसका वोट हथियाने का हथकंडा है। 


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