आशीष खन्ना/कालापीपल। 8109210821। शासन-प्रशासन की ओर से लगातार उपेक्षा के बाद 1200 की आबादी वाले ग्राम इमलीखेड़ा के लोगों ने अपने खर्च पर कुरावर रोड से गांव तक सड़क बनाने का बीड़ा उठाया। समस्त गांववासियों ने जनभागीदारी से सड़क बनाने की ठान ली और जुट गए सड़क बनाने। और आगामी चुनावो का बहीस्कार करने का सभी गा्रमीणो ने निर्णय ले लिया है।
कालापीपल विधानसभा का ग्राम ईमली खेडा जो कि कालापीपल से महज 6 किलोमीटर है लेकिन आजादी के 65 सालों बाद भी इस गा्रव में सडक निमार्ण नही हो पाया है । सरकार चाहे किसी भी दल कि बनी हो लेकिन इमलीखेडा गा्रव हमेषा से उपेक्षा का षिकार होता आया है कीचड़ भरे मार्ग से गुजरने को मजबूर ग्रामीण लंबे समय से कुरावर रोड से गांव तक सड़क बनाने की मांग करते रहे हैं। इसको लेकर कई बार ज्ञापन देने के बावजूद नेतागण हर बार सिर्फ आश्वासन देकर रह जाते। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ग्राम सड़क के लिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को कई बार ज्ञापन दिया, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इस गांव की सबसे बडी समस्या है सडक जो कि गांव वालो के विकास में बाधक बनी हुई है ।डिलेवरी के समय महिलाओं को खटीया पर लेटाकर ले जाना पढता है कई बार प्रसुति महिलाओं कि मौत हो जाती है ग्रामीणो का गुस्सा सर चढकर बोलने लगा है ग्रामीण का कहना है कि अगर हमारे गावं में नेता घुसे तो हम उनके कपउे फाड देगें ।ग्रामीणों ने मण्डी चुनाव का भी बहिस्कार किया था आगे विधानसभा व लोकसभा चुनाव का भी बहिस्कार जारी रहेगा ।
यहां की बालीकाओ को अगर अपनी षिक्षा पुर्ण करनी हो तो आगामी पढाई के लिये कालापीपल जाना होता है किन्तु सडक नही होने से ओर सडक से 4 किलो मीटर दुरी होने के कारण अपनी पढाई को आगे बडाने की बजाये वही छोड देती है। वही छात्रो की अगर ड्रेस किचड में लग जाती है तो उन्हे स्कुल प्रबंधन अपने स्कुल में प्रवेष नहीर देता जीससे उन विद्यार्थीयो की पढाई पर असर पढता है। इस मामले में छात्राओं का कहना है कि प्रदेष के मुखिया षिवराज मामा ने हमे सायकल तो दी लेकिन सडक नही होने के कारण हम उस सायकल को चलाये कहा ?
ग्रामीणजन कुरावर रोड से गांव तक की लगभग साढ़े तीन किलोमीटर मार्ग पर पक्का पत्थर डालकर आवागमन हेतु सड़क बनाने में जुटे हैं। इसमें सारे गांव के लोगों की सहभागिता है। सभी ग्रामीणो ने अपने परीवार के सदस्यो के साथ मीलकर प्रतिघर से पुरा परीवार सडक निर्माण स्थल पर पहुच कर श्रमदान करके अपने गांव को मेन रोड से जोडने में जुटे है। जिससे उन ग्रामीणो का सिघा संपर्क अपनी विधानसभा कालापीपल से हो जाए जिससे उनके बच्चे अपनी पढाई पुरी कर सके। ओर उनकी बेटियो का विवाह नही टुटे अपना अनाज समय पर मंडी पर बेच सके और सिघा संपर्क कालापीपल से हो सके । इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि गांव में रोड ना होने के कारण हमारे बच्चों के सम्बंध नही हो पाते है और जो सम्बन्ध हो चुके है वो भी रोड ना होने के कारण टुटने कि कगार पर है ।
रोड ना बनने का र्दद खुद सत्ता रूढ पार्टी के नेताओं को भी है विषाल परमार जो कि भाजपा के कालापीपल मण्डल के मण्डल अध्यक्ष है खुद कह रहे है कि हमारे विधायक ने ईमली खेडा गांव से कम वोट मिलने के कारण रोड के लिए कोष्ािष नही कि ।
जब इस मामले को लेकर कालापीपल विधायक बाबूलाल वर्मा से चर्चा कि गई तो उन्होने ग्रामीणों की बात को गलत बताते हुए चुनाव के बहिस्कार को निराधार मानते हुए गलत बताया । और उस रोड पर प्रधानमंत्री सडक योजना का पांव फसाना बताया जिसके कारण अब तक रोड नही बन पाया । इस गांव के रोड केा जल्द बनवाने के लिए में सतत प्रयास रत हूॅं ।
विधायक महोदय के अनु सार समस्या चाहे जो हो लेकिन अगर विधायक महोदय चाहे कि षिवराज सिंह कि भांजियां रोड पर सायकल से स्कुल जाये तो ऐसा हो सकता है । क्याकि प्रदेष में दर्जनो रोड ऐसे है जो मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री सडक योजना दोनो में नही आते है फिर भी उन सडको का काम हुआ ।