राजनीति में शामिल हो चुका है 'सीडी संस्कार'

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भोपाल (उपदेश अवस्थी) राघवजी के 'अपवित्र रिश्तों' के चलते अंतत: उनका भी 'सीडी संस्कार' कर ही दिया गया। हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार मनुष्य के 'नामकरण से लेकर अंतिम' तक कुल 16 संस्कार होते हैं परंतु राजनीति में देह की मृत्यु से पहले यदि किसी नेता की इज्जत लूटकर उसकी राजनैति​क हत्या कर दी जाए तो इसे कहते हैं उसका 'सीडी संस्कार' कर देना।

मध्यप्रदेश की राजनीति में सीडी संस्कार एक पारंपरिक आयोजन हो गया है। जैसे ही आप थोड़ो से भी लोकप्रिय नेता हुए, आसपास मोबाइल केमरे घूमते ही रहते हैं। सोते जागते हमेशा चौकन्ना रहना होता है। अपनी पत्नि के साथ भी अंधेरे में ... मुश्किल है। पता नहीं कौन सीडी बना ले और बाहर जाकर बोले ये तो वो... है। झमेला खड़ा हो और पत्नि को जनता के सामने लाना पड़े।

हालात बहुत चिंताजनक हो गए हैं और अपने कैलाश विजयर्गीय जी तो इससे बहुत ही चिंतित भी हैं। उन्हें लगता है कि निजी जिंदगी में कोई पैर दबवाए या मालिश करवाए, किसी को क्या ? अब समाज ऐसी मालिशों की इजाजत नहीं देता तो वो समाज को बदलना भी चाहते हैं। फिलहाल राघवजी की मदद कर रहे है। 79 साल का बूढ़ा और तेल मालिश का शौक, पता नहीं कैसे मदद कर रहे हैं।

सबसे पहले भाजपा ने किया अंगीकार
मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या आरएसएस का गुजरात से भी पुराना गढ़ है। आरएसएस में संस्कारो और मर्यादा की बात पर सर्वाधिक ज़ोर दिया जाता है, लेकिन सीडी संस्कार को सबसे पहले भाजपा ने ही अंगीकार किया।

य़ूँ तो तकनीक के इस युग में साजिश के तहत किसी की भी सीडी तैयार कर उसकी छवि धूमिल करने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन जो पार्टी सार्वजनिक जीवन में हिंदू संस्कारों की बात करती आई हो उसके लिए इस तरह के आरोपों को नज़रअंदाज करना मुश्किल है।


शुरूआत संजय जोशी से

भाजपा में कभी ताकतवर रहे महासचिव संजय जोशी से जुड़ी सीडी भी मध्‍यप्रदेश से ही जारी हुई थी। जोशी संगठन महामंत्री थे जिसकी कमान सीधे आरएसएस के हाथ में रहती है। यह मामला 2006 का है बाद में राज्य पुलिस ने जोशी की सीडी को गलत करार दिया लेकिन सीडी कांड के बाद से जोशी का राजनीतिक ग्राफ एकदम तेजी से गिरा और पद प्रतिष्‍ठा सब जाती रही।

ध्रुवनारायण सिंह

आरीटाई एक्टिविस्ट शेहला मसूद हत्‍याकांड में भाजपा के एक विधायक ध्रुवनारायण सिंह के नाम आने से भी पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।

जांच में सामने आया कि धु्वनारायण सिंह से शेहला मसूद की नजदीकी हत्‍या की साजिश रचने वाली ज़ाहिदा परवेज़ को नागवार गुजरी और इंतकाम के लिए उसने शेहला की सुपारी भाड़े के हत्‍यारों को दे दी। ज़ाहिदा की डायरी के पन्‍नों के राज सामने आने के बाद ध्रुवनारायण सिंह को पॉलीग्राफिक टेस्‍ट तक से गुजरना पड़ा था।

कहा जा रहा था कि जाहिद की ड्राअर से सीबीआई को कई सीडी मिलीं हैं जिसमें ध्रुवनारायण सिंह मुख्य किरदार निभा रहे हैं, लेकिन बाद में सीबीआई ने इसके बारे में कोई खुलासा नहीं किया और ध्रुवनारायण सिंह का सीडी संस्कार होते होते बच गया।

जिलाध्यक्ष तक पंहुची परंपरा

संजय जोशी के सफल परीक्षण के बाद केमरे को एक हथियार के रूप में उपयोग किया जाने लगा और भाजपा में जमीनी स्तर तक नेताओं के 'सीडी संस्कार' किए गए।  भाजपा के मंदसौर जिला इकाई के अध्‍यक्ष कारूलाल सोनी की एक महिला कार्यकर्ता के साथ आयी सीडी भी काफी चर्चित हुई थी। इस सीडी के स्‍थानीय टीवी चैनलों में प्रसारित होने के बाद प्रदेश भाजपा को उन्‍हें फौरन पद से हटाना पड़ा था।

कांग्रेसी ने भी अपनाया

लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ भाजपा नेताओं की ही सेक्स सीडियाँ सामने लाइ गईं हों। कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता एनडी तिवारी की आंध्र प्रदेश का राज्यपाल रहते हुए सेक्स सीडी सामने आई थी।

तीन महिलाओं संग आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे एनडी तिवारी की वीडियो क्लिप तेलुगू चैनल ने प्रसारित कर दी थी जिसके बाद उन्हें राज्यपाल पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अब तिवारी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में रहते है और मुलायम सिंह यादव के साथ ब्रामह्ण राजनीति में सक्रीय होने की जद्दोजहद में हैं.


सिंघवी की सीडी

राज्यसभा सांसद और वकील अभिषेक मनु सिंघवी की कथित सीडी भी इंटरनेट पर लीक हो गई थी. सीडी में सिंघवी एक महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में दिख रहे थे.

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा प्रसारण पर रोक लगाए जाने के बाद भी यह सीडी इंटरनेट पर आ गई थी जिसके बाद पार्टी ने सिंघवी के प्रवक्ता पद से हटा दिया था. हालाँकि बाद में उन्हें फिर से कांग्रेस का प्रवक्ता बना दिया गया.

भँवरी और मदेरणा

इससे पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे महिपाल मदेरणा को भी कथित सेक्स सीडी के कारण इस्तीफा देना पड़ा. मदेरणा और नर्स भंवरी देवी के अवैध संबंध भी सेक्स सीडी के रूप में सामने आए.

ब्लैकमेलिंग के चक्कर में भँवरी देवी को अपनी जान तक गँवानी पड़ी. महिपाल मदेरणा अभी भी जेल में बंद है.


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