भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे सर्व शिक्षा अभियान की कमर टूटने की कगार पर है। अभियान के लगभग 80 प्रतिशत कामों को अंजाम देने वाले जनशिक्षकों ने सामूहिक इस्तीफा कमिश्नर को भेज दिया है। जनशिक्षक उन्हें मिलने वाले 1000 रुपए टीए को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं एवं स्पष्ट रूप से लिखा है कि यदि मांग पूरी नहीं कर सकते तो प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दें।
जनशिक्षक इन्द्रजीत सिंह नाथावत ने भोपालसमाचार.कॉम को बताया कि सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत स्कुलों में मोनिटरिंग एवं अकादमिक सहयोग के लिए जनशिक्षको के नियुक्ति की जाती है। जनशिक्षक उच्चा श्रेणी शिक्षक/अध्यापक होता है! जनशिक्षको को प्रति माह जनशिक्षा केंद्र के 20 स्कुलो का भ्रमण कर शिक्षकों की अध्यापन में आ रही कठिनाई को दूर करना होता है। साथ ही विभिन्न जानकारियों का वितरण व एकत्रीकरण भी करना पड़ता है।
इस कार्य के लिए जनशिक्षको को मात्र 1000 रु मासिक भ्रमण भत्ता मिलता है जो ऊंट के मुह में जीरे के सामान है। ग्रामीण क्षेत्र और दुर्गम अंचलो में स्कूलों का भ्रमण मोटर साइकिल के बिना संभव नहीं है। जनशिक्षको का 3 से 4 हजार रु पेट्रोल खर्च हो रहा है। साथ ही जनशिक्षकों को अपने वेतन से ये सब खर्च करना पड़ता है।
इसी कारण प्रदेश भर में जनशिक्षको के हजारो पद खाली पड़े है। जो प्रति नियुक्त पर हैं वो भी छोड़कर अपनी मूल शाला में जाना चाहते है। धार जिले के बदनावर जनपद शिक्षा केंद्र के 18 जनशिक्षकों ने राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त को पत्र लिख कर भ्रमण भत्ता 5000रु मासिक करने की मांग की है। अगर यह मांग पूरी नहीं कर सकते तो प्रति नियुक्ति समाप्त कर मूल संस्था में भेज दिया जाये।
इन्द्रजीत सिंह नाथावत
